चारु निगम विवाद: MLA ने कहा-नहीं की बदसलूकी, IPS कर रही थीं महिलाओं-बुजुर्गों से मारपीट
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही कालोनियों से शराब की दुकानों को हटाया जा रहा है लेकिन गोरखनाथ क्षेत्र की पुलिस शराब माफियाओं को प्रश्रय दे रही थी। जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका फर्ज है कि लोगों की समस्या सुनें और अगर पुलिस अन्याय कर रही है तो उसका विरोध करें।
गोरखपुर: महिला आईपीएस अधिकारी से बदसलूकी के विवाद में घिरे बीजेपी विधायक ने अपनी सफाई दी है। विधायक ने कहा है कि पीडि़त महिलाओं और बुजुर्गों के साथ अधिकारी ने अभद्रता और मारपीट की थी। वहीं ड्यूटी पर मौजूद महिला आईपीएस का कहना है कि वह मौके पर अपना काम कर रही थीं।
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ग्रामीण-पुलिस झड़प
मामला चिलुआताल थाने के कोइलहवा गांव का है जहां कच्ची शराब के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रदर्शन और सड़क जाम करके हंगामा किया था।
मौके पर पहुंची सीओ गोरखनाथ चारू निगम से महिला प्रदर्शनकारियों की झड़प हो गई।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पत्थर और डंडे से वार कर सीओ गोरखनाथ चारू निगम को चोटिल कर दिया।
इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुये आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर जाम खुलवाया।
इसी दौरान मौके पर पहुंचे नगर विधायक राधा मोहन दास ने एएसपी चारु निगम की इतनी फजीहत की, कि वह मौके पर ही रोने लगीं।
बीजेपी विधायक उनको खरी खोटी सुनाते रहे और चारु निगम उनके आरोपों पर अपने आंसू पोंछती रहीं।
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विधायक के पुलिस पर आरोप
ग्रामीणों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने ग्रामीणों के साथ दो बार सड़क जाम की।
विधायक ने कहा कि सीओ गोरखनाथ और चिलुआताल के प्रभारी थानेदार की शह पर इलाके में कच्ची शराब बेची जा रही है।
विधायक ने महिला प्रदर्शनकारियों पर सीओ गोरखनाथ की शह पर लाठीचार्ज करने का भी आरोप लगाया है।
विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि इलाके में काफी दिनों से शराब को लेकर लोगों में गुस्सा था।
लोग शराब की दुकानें हटवाने को लेकर उनसे कई बार शिकायत कर चुके थे।
पुलिस के लचर रवैये और लोगों के बुलाने पर वह वहां गये थे।
आगे स्लाइड में विधायक ने कहा पुलिस ज्यादती का विरोध करेंगे...
पुलिस अन्याय का करेंगे विरोध
विधायक ने कहा कि क्षेत्राधिकारी के साथ उन्होंने किसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग या बदसलूकी नहीं की।
विधायक ने आरोप लगाया कि क्षेत्राधिकारी चारू निगम ही महिलाओं और बुजुर्गों के साथ मारपीट कर रही थीं।
मीडिया के सामने विधायक कुछ महिलाओं को लेकर आए थे।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही कालोनियों से शराब की दुकानों को हटाया जा रहा है लेकिन गोरखनाथ क्षेत्र की पुलिस शराब माफियाओं को प्रश्रय दे रही थी।
विधायक ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर क्षेत्राधिकारी से बुरे बर्ताव या उनको डांटने का किसी के पास क्लिप है तो वह दिखाए।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका फर्ज है कि आम लोगों की समस्या सुनें और अगर पुलिस अन्याय कर रही है तो उसका विरोध करें।
आगे स्लाइड में आईपीएस ने कहा होगी कार्रवाई...
होगी कार्रवाई
आईपीएस अधिकारी सीओ गोरखनाथ चारू निगम का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोका था।
पुलिस ने रास्ता खुलवाया मगर फिर जाम लगा दिया गया।
मैंने कहा कि रास्ता मत रोकिए ज्ञापन दे दीजिए। लेकिन महिला होने के नाते मुझे अधिकारी नहीं समझा गया।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था बनाये रखना पुलिस का काम है, विधायक ने जो कहा, उनकी समझ है। सही-गलत की टिप्पणी वह नहीं करना चाहतीं।
चारु निगम ने कहा कि जब एसपी सिटी गणेश साहा आए और उन्होंने कहा कि आपको सीओ गोरखनाथ की चोट नहीं दिख रही है, तो इस बात पर वह भावुक हो गईं।
धारा 144 लगी थी। चक्का जाम करने वालों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। विवेचना के बाद कार्रवाई की जाएगी।