Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.54: गोरखपुर वार्ड संख्या 54 के पार्षद अजय कुमार यादव, संपवेल और नालों का निर्माण करा जलभराव से दिलाई राहत
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.54 Parshad: पार्षद अजय कुमार शुरू से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। तीनों बार वह कांग्रेस के सिंबल से ही जीते। एक बार फिर वह कांग्रेस के साथ दिख रहे हैं।
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.54 Parshad: दो बार खुद और एक बार बहन को जीताकर भेड़ियागढ़ वार्ड की अगुवाई करने वाले अजय कुमार यादव की लोकप्रियता का अंदाजा खुद हो जाता है। जलभराव से जूझ रही जनता को राहत नहीं मिली तो सड़कों को लेकर आंदोलन किया और पुलिस से मोर्चा भी लिया। इसी का नतीजा है कि जलभराव के लिए अभिशप्त वार्ड में नाला, सड़क से लेकर संपवेल का निर्माण हुआ है। जिससे 20 हजार से अधिक आबादी वाले वार्ड में लोगों को राहत मिली।
पार्षद अजय कुमार शुरू से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। तीनों बार वह कांग्रेस के सिंबल से ही जीते। एक बार फिर वह कांग्रेस के साथ दिख रहे हैं। पिछले पांच साल में पार्षद के प्रयास से 5 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्य हुए हैं। अभयनंदन इंटर कालेज से लेकर बौलिया कालोनी और दुर्गा मंदिर से लेकर श्रवण मास्टर के आवास तक की सड़क चलने लायक नहीं थी। दोनों सड़कों का निर्माण करीब एक करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। जलभराव वार्ड में बड़ी समस्या रही है।
2021 में वार्ड की बड़ी आबादी जलभराव की समस्या से जूझी। इसके बाद पार्षद की पहल पर नया संपवेल तो लगा ही, पुराने की क्षमता में बढ़ोतरी भी हुई। वार्ड में मधुसूदन दास डिग्री कॉलेज में नया संपवेल लगा । तो वहीं विष्णुपुरम में लगे संपवेल की क्षमता को बढ़ाया गया। अजय सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहते हैं। छठ पूजा को देखते हुए उनके अगुवाई में वार्ड में आधा दर्जन से अधिक अस्थाई पोखरों का निर्माण कराया जाता है।
ट्यूबवेल से मिला रहा साफ पानी
वार्ड में ट्यूबवेल लगवाकर पार्षद ने लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया है। वार्ड में 30 लाख रूपये की लागत से नया ट्यूबवेल स्थापित हुआ। जिससे 500 से अधिक परिवारों को पानी मिल रहा है। इसके साथ ही मधुसूदन डिग्री कॉलेज के पास बड़े नाले का निर्माण कराया गया।
पीएम आवास और राशन कार्ड भी खूब बने
वार्ड में 70 से अधिक गरीबों को पीएम आवास का लाभ मिला। इसके साथ ही 200 से अधिक लोगों को राशन कार्ड की सुविधा भी मिली। पार्षद बताते हैं कि ऐसा कोई नहीं है, जो राशन कार्ड के लिए आया हो और उसे निराशा मिली हो।