Gorakhpur News: रामगढ़झील क्षेत्र में 500 मीटर दायरे में मानचित्र पर ग्रीन सेस से फिलहाल राहत, अब कमिश्नर लेंगे निर्णय

Gorakhpur News: रामगढ़झील के 500 मीटर के दायरे में मानचित्र स्वीकृत कराने को लेकर जीडीए द्वारा प्रस्तावित ग्रीन सेस (हरित अधिभार) पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-07-02 17:51 GMT

Gorakhpur News: देश के प्रमुख झीलों में शुमार रामगढ़झील के 500 मीटर के दायरे में मानचित्र स्वीकृत कराने को लेकर जीडीए द्वारा प्रस्तावित ग्रीन सेस (हरित अधिभार) पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। ग्रीन सेस तय करने के लिए बनी कमेटी अब कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट देगी। अंतिम निर्णय कमिश्नर ही करेंगे।

प्राधिकरण के अध्यक्ष व कमिश्नर रवि कुमार एनजी की अध्यक्षता में शाम 4.30 बजे से करीब तीन घंटे तक चली जीडीए बोर्ड बैठक में 19 एजेंडों पर चर्चा हुई। पहला मुद्दा रामगढ़झील के 500 मीटर दायरे में प्रस्तावित ग्रीन सेस को लेकर हुई। विभिन्न संस्थाओं और नागरिकों के विरोध को देखते हुए सेस को लेकर अंतिम निर्णय कमिश्नर पर छोड़ दिया गया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से राहत मिलने एवं वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रामगढ़ताल क्षेत्र में 50 मीटर परिधि के बाहर मानचित्र स्वीकृत करने का रास्ता साफ हो गया है।

ग्रीन सेस लगाने का प्रस्ताव 

मगर 10 मार्च 2021 को हुई जीडीए की 118वीं बोर्ड बैठक में रामगढ़ताल क्षेत्र में वेटलैंड दायरे के बाहर 50 मीटर से लेकर 500 मीटर तक के क्षेत्र में हाईरिस्क (व्यावसायिक) वाले मानचित्र स्वीकृत करने पर ग्रीन सेस लगाने का प्रस्ताव पास किया गया था।

इसपर आपत्ति मांगी गई थी जिसपर विजन यूपी 2030 संस्था ने तमाम दलीलों के साथ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। रामगढ़झील परियोजना क्षेत्र स्थित वाटर स्पोर्टस कांप्लेक्स के संचालन को लेकर शासन स्तर से एक पत्र जारी कर कहा गया था कि वहां जो भी वाटर एक्टिविटी हो उसे पर्यटन विभाग कराए।

बोर्ड बैठक में इसपर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि संचालन का अधिकार पर्यटन विभाग को दिया जाए मगर रेवन्यू शेयर मॉडल के तौर पर पर्यटन विभाग जीडीए को भी कुछ राजस्व दे। रामगढ़झील में लगे एसटीपी की देखरेख की जिम्मेदारी पहले जल निगम की है।

उस समय तय हुआ था कि इसपर जो खर्च आएगा उसकी जिम्मेदारी जल निगम के अलावा जीडीए और नगर निगम भी बराबर-बराबर उठाएगा। इस मद में जीडीए के ऊपर 3.10 करोड़ रुपये का बकाया था। बोर्ड ने इस बकाये का भुगतान करने को लेकर अपनी स्वकृति दे दी है।

मानबेला किसानों को मिले 71 लाख हेक्टेयर के दर से मुआवजा

वहीं बोर्ड बैठक में मानबेला काश्तकारों को मुआवजे की बढ़ी हुई रकम दिए जाने को लेकर जनपद न्यायाधीश न्यायालय 24 दिसंबर को हुए आदेश पर भी चर्चा हुई।

बोर्ड को बताया गया कि न्यायालय ने 69 काश्तकारों के मामले में मुआवजे के तीन करोड़ 60 लाख 83 हजार 711 रुपये जमा करने का अदेश दिया था। न्यायालय मुआवजे का वितरण खुद करेगा। आदेश पर अमल करते हुए 30 जून को यह रकम न्यायालय में जमा करा दी गई है।

प्रेक्षागृह का संचालन करेगा जीडीए

रामगढ़झील स्थित प्रेक्षागृह के संचालन जीडीए करेगा। वहां की साफ-सफाई के लिए ई-टेंडरिंग के जरिए एजेंसी तय की जाएगी। जबकि प्रेक्षागृह की बुकिंग और उसके बिजली बिल का काम खुद प्राधिकरण करेगा। संचालन को लेकर जीडीए ने 96 लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया था।

वहीं एकीकृत मंडलीय कार्यालय के लिए अभी शासन से धन नहीं मिलने की वजह से काम प्रभावित होता देख बोर्ड ने निर्णय किया कि प्राधिकरण 50 लाख रुपये अपने पास से देगा। शासन की तरफ से जब इस मद में धन आएगा तो इस रकम का समायोजन कर लिया जाएगा।

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