सीएम योगी का ऐलान, दिसंबर तक 50 हजार गांवों को हर घर नल परियोजना से मिलेगा शुद्ध पानी

इस वर्ष दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर नल से शुद्ध पेयजल' परियोजना शुरू हो जाएगी।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-07-05 19:56 IST

पंपिंग स्टेशन का लोकार्पण करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 50 हजार राजस्व ग्रामों में इस वर्ष दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर नल से शुद्ध पेयजल' परियोजना शुरू हो जाएगी। बुंदेलखंड व विन्ध क्षेत्र में कार्य जारी है। घर घर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से भी निजात मिलेगी। इंसेफेलाइटिस दो ही कारणों से होती है, गंदगी व अशुद्ध पेयजल। आने वाले समय में यह दोनों समस्या दूर हो जाएगी।

सीएम योगी सोमवार को राप्ती नदी के मलौनी बांध स्थित तरकुलानी रेगुलेटर के समीप बाढ़ के पानी से निजात दिलाने के लिए निर्मित पंपिंग स्टेशन के लोकार्पण के बाद ग्राम बेलवार में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने तरकुलानी रेगुलेटर पर निर्मित पंपिंग स्टेशन की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में जब से यह क्षेत्र गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में आया तब से यहां पंपिंग स्टेशन की मांग की जा रही थी। यह पचास हजार परिवारों, दो लाख की आबादी के लिए जरूरी था ताकि बाढ़ के साथ ही लोगों को बीमारी से भी बचाया जा सके। यह पंपिंग स्टेशन आज से प्रारंभ हो गया है।

सीएम ने इसकी क्षमता का जिक्र करते हुए बताया कि रामगढ़ताल में जितना पानी है, यह पंपिंग स्टेशन उसे एक घण्टे में उड़ेलकर फेंक देगा। उन्होंने कहा कि यह होता है कार्य। जब केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होती है तो वह कई गुना स्पीड से काम करती है और लोगों के जीवन मे खुशहाली लाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तरकुलानी रेगुलेटर पर पंपिंग स्टेशन की यह परियोजना क्षेत्र में खेती बचाने के साथ ही बीमारी से बचाव का भी माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि खोराबार ब्लॉक इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहा है। पंपिंग स्टेशन न होने से यहां जलजमाव से बीमारियां होती थीं। तरकुलानी का यह पंपिंग स्टेशन जलजमाव की समस्या का समाधान करेगा।


यूपी की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं योगी: गजेंद्र शेखावत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत, जल संरक्षण, पेयजल, सिंचाई आदि के क्षेत्र में यूपी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र के बाद यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एकीकृत जलशक्ति मंत्रालय का गठन है। श्री शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी के विजन व सीएम योगी की देखरेख में यूपी के बाँदा, चित्रकूट, महोबा आदि क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है। दो साल में प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से सर्वाधिक 10400 करोड़ रुपये का बजट यूपी को दिया गया है, और जरूरत होगी तो उसे भी दिया जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि यूपी में सरयू, बाणगंगा, मध्यगंगा परियोजना तीन चार माह में पूरी हो जाएंगी। इन परियोजनाओं से इस प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी।

बाढ़ राहत में यूपी ने पेश की मिसाल

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बाढ़ राहत के कार्यों में स्थायित्व देकर उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में मिसाल कायम किया है। यह अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत है। तरकुलानी रेगुलेटर पर बने पंपिंग स्टेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी जी ने इसके जरिये एक नई तकनीकी दी है। इस अनूठी परियोजना को देख उनका भरोसा जगा है कि इसे अपनाकर अन्य प्रदेश भी बाढ़ के पानी से खुद को प्रभावित होने से बचा सकते हैं।

पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया

जनसभा में अपनी बात रखते हुए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है। उन्होंने इस राज्य का मान, सम्मान व स्वाभिमान वापस कराया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है। पहले बाढ़ से बचाव के कार्यों के लिए पैसा अप्रैल, मई में जारी होता था और काम जून में शुरू होता था। तब तक बाढ़ आ जाती थी और पैसा भी उसी में बह जाता था। अब सीमए योगी ने जनवरी में ही पैसा दे देते हैं और बाढ़ आने से काफी पहले काम पूरा हो जाता है।

डॉ. सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में यूपी में 543771 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में हुए कार्यों से 2020-21 तक यह घटकर 6886 हेक्टेयर रह गई है। सीएम योगी की देखरेख में बाढ़ बचाव की 170 परियोजनाओं का लोकार्पण व 246 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है। चार सालों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है। ऐसा अन्य किसी भी राज्य में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज यूपी देश की हर योजना में नम्बर वन है और सीएम योगी के नेतृत्व में इसे पूरे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा रहा है।


बतौर सांसद किया संघर्ष, सीएम बने तो दी सौगात

तरकुलानी रेगुलेटर प्रोजेक्ट के तहत बाढ़ के पानी से 47 गांवों को बचाने के लिए पंपिंग स्टेशन बनवाने के लिए योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद संघर्षरत रहे। इसके लिए अपने संसदीय कार्यकाल में उन्होंने सड़क से सदन तक आवाज उठाई। 2017 में मुख्यमंत्री बने तो तीन माह बाद ही केंद्रीय जल आयोग से इसकी स्वीकृति दिलाई और 1 फरवरी, 2018 से निर्माण कार्य शुरू करा दिया। सोमवार को करीब 85 करोड़ की लागत से बने इस पंपिंग स्टेशन का लोकार्पण कर सीएम ने क्षेत्र की जनता को बाढ़ बचाव कार्य की सौगात दी।

इससे 2838 हेक्टेयर कृषि भूमि भी इससे लाभान्वित होगी। एक सीजन में जलमग्न रहने वाली भूमि पर किसान अब दोनों सीजन के फसलों को उगा सकेंगे। तरकुलानी रेगुलेटर प्रोजेक्ट के तहत निर्मित पंपिंग स्टेशन में 11 अदद 30 क्यूसेक पंप, 3 अदद 10 क्यूसेक पंप, 5 अदद 625 केवीए डीजल जेनरेटर सेट, सक्शन टैंक की व्यवस्था है। इसके फीडर चैनल की लंबाई 280 मीटर है।

सिंचाई विभाग की इन 10 परियोजनाओं का किया लोकार्पण

1. गोरखपुर जिले में राप्ती नदी के बाएं तट पर स्थित मलौनी बांध के किमी 3 30.300 पर तरकुलानी रेगुलेटर के समीप बाढ़ के पानी की निकासी के लिए पंपिंग स्टेशन का निर्माण। लागत- 8486 लाख रुपये।

2. गोरखपुर जिले में घाघरा नदी के बाएं तट पर बने शाहपुर-खड़गपुर सोपाई तटबंध की सुरक्षा के लिए किमी 11.425 से किमी 12.175 तक नदी रिवेटमेंट एवं स्लोप पिचिंग कार्य। लागत- 1555.02 लाख रुपये।

3. गोरखपुर जिले में घाघरा नदी के बाएं तट पर स्थित शाहपुर-खड़गपुर सोपाई तटबंध पर किमी 12.225 से किमी 12.725 तक नदी रिवेटमेंट एवं स्लोप पिचिंग कार्य। लागत- 10247.87 लाख रुपये।

4. गोरखपुर जिले में राप्ती के बांए तट पर स्थित ग्राम समूह खड़ेसरी, बुढ़नपुरा, तप्सी कुटी तथा ग्राम गोपलामार, डेरवा, झाझशिव व डुमरी को कटान से सुरक्षा के लिए कार्य। लागत- 510.99 रुपये।

5.गोरखपुर जिले में राप्ती नदी के बाएं तट पर बढ़याकोठा तटबंध के किमी 12.720 से किमी 12.880 के मध्य कटान निरोधक कार्य। लागत- 461.03 लाख रुपये।

6. महराजगंज जिले में रोहिन नदी के बाएं तट पर निर्मित डोमरा जर्दा रिंग बांध के किमी 0.460 से 0.760 के मध्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य। लागत- 440.03 लाख रुपये।

7. महराजगंज जिले में रोहिन नदी के बाएं तट पर निर्मित डोमरा जर्दा रिंग बांध के किमी 12.750 से 12.850 के मध्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य। लागत- 187.16 लाख रुपये।

8. महराजगंज जिले के रोहिन नदी के दाएं तट पर निर्मित भगवानपुर बांध की सुरक्षा हेतु किमी 1.600 से किमी 1.720 तथा किमी 2.300 से किमी 2.420 के मध्य 6 स्टड निर्माण। लागत- 616.27 लाख रुपये।

9. महराजगंज जिले में चौधरी चरण सिंह निरीक्षण गृह सिंचाई कॉलोनी परिसर का पुनरूद्धार। लागत- 38.50 लाख रुपये।

10. देवरिया जिले में गोर्रा नदी के बाएं तट पर निर्मित पांडेय माझा जोगिया तटबंध के किमी 3.930 से किमी 4.350 तथा किमी 5.900 से किमी 6.000 के मध्य ग्राम माझा भीमसेन के पास तटबंध के बाढ़ सुरक्षार्थ कार्य। लागत- 1195.64 लाख रुपये।

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