32 करोड़ का रबर डैमः इस दिन गोरखपुर में होगी शुरूआत, जानें इसकी खूबियां

सीएम योगी ने गोरखपुर खाद कारखाने का निर्माण करा रही हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के अधिकारियों के साथ बैठक कर लोकार्पण की तैयारियां पर चर्चा की।

Update: 2021-02-17 04:01 GMT
32 करोड़ का रबर डैमः इस दिन गोरखपुर में होगी शुरूआत, जानें इसकी खूबियां (PC: social media)

गोरखपुर: कोरियन तकनीक से चिलुआताल में एचयूआरएल( खाद कारखाने) के रबर डैम का 4 मार्च के केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा और सीएम योगी आदित्यनाथ लोकार्पण करेंगे। करीब 30 करोड़ की लागत से निर्मित इस रबर डैम का सफल ट्रायल किया जा चुका है। देश का पहला पानी की बर्बादी रोकने के लिए हवा भरे रबर का यह बुलेट प्रूफ बांध खाद कारखाने की 1450 क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता को पूर्ण करेगा।

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सीएम योगी ने गोरखपुर खाद कारखाने का निर्माण करा रही हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के अधिकारियों के साथ बैठक कर लोकार्पण की तैयारियां पर चर्चा की। खाद कारखाने के निर्माण की प्रगति भी जानी। वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि काम तकरीबन पूरा हो चुका है। ट्रॉयल चल रहा है। तय समय जुलाई 2021 में कारखाना, उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगा। बैठक के बाद एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि 4 मार्च को रबर डैम का लोकार्पण होगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल होंगे। खाद कारखाने का निरीक्षण भी करेंगे।

gorakhpur (PC: social media)

रबर डैम से ही प्लांट तक पहुंचेगा पानी

निर्माणाधीन यूरिया प्लांट को हर दिन 1450 क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत होगी। इसके लिए चिलुआताल की ड्रेजिंग कर उसे गहरा किया गया है। इसी से पानी प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए कोरिया से रबर डैम मंगा कर लगाया गया है। सीमेंट का फाउंडेशन पर स्थापित यह डैम चिलुआताल के बगल से गुजर रही रेलवे लाइन के निकट स्थापित है। कोरियन तकनीक से बने रबर डैम की खासियत है कि यह हवा से भरा रहेगा। जब डैम के पूर्व में पानी ज्यादा हो जाएगा तो डैम से थोड़ी हवा निकाल दी जाएगी। इससे पानी दूसरी तरफ चला जाएगा। यदि दूसरी तरफ पानी ज्यादा होगा तो फिर इसी प्रक्रिया से पानी इस पार कर दिया जाएगा।

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65 मीटर लंबा, दो मीटर ऊंचा है बांध

चिलुआताल में बना रबर बांध 65 मीटर लंबा और दो मीटर ऊंचा है। इसमें आधे घंटे में हवा भरी जा सकती है। जरूरत के अनुसार हवा कम की जा सकती है या पूरी तरह निकाली जा सकती है। इस रबर डैम में नौ लेयर हैं। यह पूरी तरह बुलेट प्रूफ है। खाद कारखाना प्रबंधन ने चिलुआताल में 20 लाख घन मीटर पानी स्टोर करने की व्यवस्था की है। रबर बांध के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीन कुमार का दावा है कि रबर बांध पर गोलियों का भी असर नहीं होगा। यह भारत का पहला हवा भरा रबर बांध है।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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