साइबर अपराध के लिए देश में तैयार हो रहे 250 कमांडो, चेन्नई और कानपुर में 6 महीने की ट्रेनिंग, ऐसे करेंगे काम

Gorakhpur News: गृहमंत्री अमित शाह के पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करने का निर्देश के बाद कानपुर और चेन्नई में पहले चरण में साइबर एक्सपर्ट पुलिस का चयन कर ट्रेनिंग शुरू कराई गई है।

Update:2024-10-12 07:37 IST

Gorakhpur News (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: डिजिटल अरेस्ट, साइबर धोखाधड़ी से खाते की रकम उठाने जैसी बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार साइबर कमांडो तैयार करने जा रही है। देश के चुनिंदा 250 साइबर एक्सपर्ट को पिछले तीन महीने से कानपुर और चेन्नई में ट्रेनिंग दी जा रही है। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद इन्हें अलग-अलग इलाकों में तैनात कर साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए तैनात किया जाएगा।

पहले चरण में 250 साइबर कमांडो तैयार करने के लिए कानपुर और चेन्नई में तीन अक्टूबर को प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद सभी साइबर कमांडो के रूप में तैनात होंगे। इन्हें देश की साइबर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने व आम लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। ट्रेंनिग प्रोग्राम में आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास द्वारा डॉ. संदीप मित्तल, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), साइबर अपराध विंग, तमिलनाडु, कर्नल की उपस्थिति में ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंक के लिए गोरखपुर के साइबर थाने में तैनात दरोगा उपेंद्र सिंह को भी चुना गया है।

गृह मंत्री ने दिया था निर्देश

देश में साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करने का निर्देश दिया था। इसी के बाद कानपुर और चेन्नई में पहले चरण में साइबर एक्सपर्ट पुलिस वालों का चयन कर ट्रेनिंग शुरू कराई गई है। ट्रेनिंग में जो पुलिसकर्मी आए हैं, उनमें अधिकतर सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल शामिल हैं। इन पुलिस कर्मियों को स्पेशल किट और टैबलेट भी दिए गए हैं। इन्हीं टैबलेट पर वह पांच माह तक लगातार आठ घंटे की क्लास करेंगे। इसके बाद जब वह अपने अपने राज्यों में थानों पर पहुंचेंगे तो वह वहां पर एक साइबर योद्धा के तौर पर काम करेंगे। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि साइबर कमांडो मौजूदा साइबर अपराध सेल से एक महत्वपूर्ण उन्नयन का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि ये सेल मुख्य रूप से साइबर अपराधों की जांच और अभियोजन जैसे उपायों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

100 तरीके से हो रहे साइबर अपराध को लेकर ट्रेनिंग

वर्तमान में साइबर फ्रॉड की जो घटनाएं हो रही हैं, उनमें मुख्य रूप से डिजिटल अरेस्ट, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन गैम्बलिंग, ईमेल फ्रॉड, एसएमएस फ्रॉड, डाटा स्टलिंग, रैनसमवेयर अटैक समेत कई अन्य फ्रॉड के तरीके शामिल हैं। पुलिस कर्मियों को साइबर योद्धा बनाने के दौरान 100 तरीके के साइबर फ्रॉड की जानकारी दी जाएगी। इससे भविष्य में किसी तरीके का साइबर फ्रॉड होता है तो साइबार योद्धा उसको पूरी तरीके से खत्म कर जो भी दोषी हो उन तक पहुंच सकें। 

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