Gorakhpur News: बब्बर शेर भरत और गौरी के बाड़े में लगी एसी, गैंडा के लिए कराई जा रही कृत्रिम बारिश

Gorakhpur News: हरियाली नहीं होने से चिड़ियाघर परिसर में पशुओं के सामने दिक्कतें अधिक हैं। गर्मी को देखते हुए जानवरों के बाड़ों में कूलर की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही कुछ बाड़ों में एसी के इंतजाम किए गए हैं।

Update: 2024-05-29 02:02 GMT

बब्बर शेर के बाड़े में लगा एसी और गैंडा के लिए कृत्रिम बारिश (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) के बाड़े में नौतपा का असर वन्यजीवों और पशु पक्षियों पर पड़ रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन ने गर्मियों से बेहाल पशु-पक्षियों के लिए विशेष इंतजाम किया है। इटावा से लाए गए बब्बर शेर भरत और गौरी के बाड़े में एयरकंडीशनर लगा दिया है। वहीं गैंडा के लिए कृतिम बारिश कराई जा रही है।

हरियाली नहीं होने से चिड़ियाघर परिसर में पशुओं के सामने दिक्कतें अधिक हैं। गर्मी को देखते हुए जानवरों के बाड़ों में कूलर की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही कुछ बाड़ों में एसी के इंतजाम किए गए हैं। इटावा लायन सफारी से लाए गए बब्बर शेर भरत और गौरी को गर्मी से राहत दिलाने के लिए उनके नाइट सेल में कूलर के साथ एसी भी लगा दिया गया है। क्योंकि, दोनों बब्बर शेर अभी जल्द ही चिड़ियाघर लाए गए हैं। ऐसे में वह अभी यहां की आबोहवा में ढल नहीं पाए हैं। हिमालयन भालू को दिन भर बर्फ दिया जा रहा है। साथ ही तालाब में बर्फ की सिल्ली डाली जा रही है।

बढ़ गए अस्पतालों में डायरिया के मरीज

जिला अस्पताल का मेडिसिन वार्ड डायरिया के मरीजों से फुल हो गया है। इसके साथ ही घबराहट, बेचैनी, दिल की धड़कन बढ़ने, नींद न आने के मरीज भी जिला अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। बुजुर्गों के साथ ही बच्चों में भी यह बीमारी देखने को मिल रही है। जिला अस्पताल में मेडिसिन विभाग में 60 बेड हैं। सभी फुल हैं। बच्चों के विभाग में 37 बेड हैं। जिसमें 28 मरीज भर्ती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक ज्यादा गर्मी में रहने की वजह से लोगों में चिड़चिड़ेपन और अत्यधिक क्रोध जैसे भाव उत्पन्न होने लगते हैं। बढ़ते तापमान से मानसिक स्वास्थ्य के खराब होना का खतरा बढ़ जाता है।

करोड़ों खर्च के बाद भी बिजली आपूर्ति बेपटरी

मुख्यमंत्री का शहर होने के चलते गोरखपुर में बिजली व्यवस्था में सुधार के नाम पर पिछले पांच सालों में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं। बावजूद प्रचंड गर्मी में लोकल फॉल्ट और उसके नाम पर हो रही कटौती से बिजली आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। शहरी क्षेत्र में मंगलवार को टाउन हाल के साईंमंदिर फीडर से जुड़े इलाके में मंगलवार सुबह 9:10 से दोपहर 12:50 बजे तक बिजली नहीं थी। इसी प्रकार बक्शीपुर के जटाशंकर फीडर में दोपहर 12:10 से 3:43 बजे तक बिजली नहीं थी। तारामंडल क्षेत्र में बिजली के आने-जाने का सिलसिला दिन के बाद रात में भी जारी रहा।

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