Gorakhpur: सपा-कांग्रेस में गठबंधन होने के बाद इन सीटों पर लगे दावेदार
Gorakhpur News: महराजगंज की लोकसभा सीट पर कांग्रेस खेमे में हलचल दिख रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत चुनावी मैदान में थीं।
Gorakhpur News: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों का तालमेल होने के बाद साफ हो गया है कि गोरखपुर-बस्ती मंडल की तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में देवरिया, बांसगांव और महराजगंज में कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर अटकले लगने लगीं हैं। फिलहाल, महराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत, देवरिया से अखिलेश प्रताप सिंह या फिर अजय कुमार लल्लू और बांसगांव के कमांडो कमल किशोर और निर्मला पासवान के नाम की चर्चा हो रही है। वहीं इस क्षेत्र में सक्रिय सपा नेताओं के पैतरे को लेकर भी कयास लगाने लगे हैं।
महराजगंज की लोकसभा सीट पर कांग्रेस खेमे में हलचल दिख रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत चुनावी मैदान में थीं। लेकिन उनके प्रदर्शन को लेकर टिकट की गारंटी नहीं मानी जा रही है। ऐसे में कुछ लोग फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी का नाम उछाल रहे हैं। वहीं पूर्व सांसद अखिलेश सिंह की भी सक्रियता बढ़ी है। महराजगंज की सियासत में अहम केन्द्र अमरमणि त्रिपाठी के परिवार का इस बार क्या रोल रहता है इसे लेकर भी कयास लग रहे हैं।
पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत पिछली बार लोकसभा चुनाव में टीवी पत्रकारिता छोड़कर उतरी थीं तो उनके पास पिता के विरासत को बताने के सिवा कुछ नहीं था। लेकिन वर्तमान में वह उन चुनिंदा कांग्रेस प्रवक्ता में शुमार हैं, जिन्हें भाजपा भी इग्नोर नहीं कर पाती है। लेकिन कांग्रेस सुप्रिया को टिकट देती है तो सवाल उनकी लोकसभा में पकड़ और जातिगत समीकरण को लेकर है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह 72516 वोटों पर सिमट गई थीं। वही सपा के अखिलेश सिंह 3 लाख 85 हजार से अधिक वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे।
भाजपा के पंकज चौधरी 726349 वोट पाकर लंबे अंतर से छठवीं बार संसद पहुंचे थे। हालांकि कांग्रेस का एक खेमा पंकज चौधरी के विरोध में जातिगत समीकरण को देखते हुए वीरेन्द्र चौधरी को मैदान में देखना चाहता है। वहीं सपा की राजनीति कर रहे पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। हालांकि वह महराजगंज के लिए अनजान चेहरे नहीं है। हालांकि यह जानना जरूरी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत से पहले अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री को ही उम्मीदवार घोषित किया था।
देवरिया से अखिलेश प्रताप सिंह की दावेदारी अहम
देवरिया में रुद्रपुर से विधायक रहे और गांधी परिवार के करीबी अखिलेश प्रताप सिंह सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि यहां पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की भी सक्रियता दिख रही है। सपा की तरफ से यहां राधेश्याम सिंह सक्रिय दिख रहे हैं। अब माना जा रहा है कि वे कुशीनगर जिले का रूख करेंगे। इसकी बड़ी वजह पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह का भाजपा की तरफ से राज्यसभा जाना माना जा रहा है। जातिगत समीकरण को देखते हुए राधेश्याम सिंह सपा के टिकट पर कुशीनगर से लड़ सकते हैं।
बांसगांव में कमल किशोर और निर्मला में जोड़तोड़
बांसगांव सुरक्षित सीट पर पूर्व राज्यपाल और पूर्व मंत्री महावीर प्रसाद के निधन के बाद कांग्रेस की पकड़ कमजोर हुई है। इस बार यहां से पूर्व सांसद कमल किशोर की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। हालांकि जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान भी यहां से टिकट की दावेदारी कर रही हैं।