Gorakhpur News: आजादी के साथ होना चाहिए था धार्मिक स्थलों का पुनुरुद्धार, पहले की सरकारें सनातन विरोधी-सीएम योगी

Gorakhpur News: व्यासपीठ की पूजा करने व आरती उतारने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कथा सबसे पहले इसी उत्तर प्रदेश की भूमि नैमिषारण्य में सुनाई गई थी।

Update: 2023-09-26 13:02 GMT

CM Yogi Adityanath

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों ने सनातन धर्म की उपेक्षा की तथा कथा को काल्पनिक बताया। पर, वर्तमान सरकार बनाने के बाद आज धार्मिक स्थलों का पुनुरुद्धार हो रहा है जो 1947 में ही हो जाना चाहिए था।

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 54वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 9वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में मंगलवार अपराह्न श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ प्रतिवर्ष श्रीराम कथा अथवा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करती है। इस वर्ष हमारे बीच में श्रीमद्भागवत कथा के विश्व विश्रुत विद्वान भागवत भास्कर कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुर जी महाराज उपस्थित हैं।


व्यासपीठ की पूजा करने व आरती उतारने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कथा सबसे पहले इसी उत्तर प्रदेश की भूमि नैमिषारण्य में सुनाई गई थी। इस कथा को लोग सुनते हैं और जानते हैं कि यह हमारे पूर्वजों की कथा है। यह हमारी संस्कृति की कथा है। इसमें भगवान की लीला का वर्णन है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन के दायित्व के साथ-साथ धर्म का आचरण करना और प्रभु की लीला का श्रवण करना चाहिए। क्योंकि कहा गया है, जहां धर्म होता है, वहीं विजय भी होती है। योगी ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा न केवल एक कथा है अपितु समग्र जीवन दर्शन है। इस संसार में कर्म के फल से ही सुख-दुख प्राप्त होता है। कर्म से यदि स्वर्ग भी प्राप्त होता है तो वह भी नित्य नहीं है। जब तक पुण्य है तभी तक स्वर्ग भोग करेंगे। जब पुण्य छीण होगा तो पुनः मृत्यु लोक में आना पड़ेगा। ऐसे में इस आवागमन के चक्र से मुक्ति का मार्ग बताने वाली कथा श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा है, जो जीव को मुक्ति दिलाती है।


वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई

मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान कथा व्यास वृंदावन मथुरा से पधारे भागवत भास्कर कृष्णचंद्र शास्त्री 'ठाकुर जी' ने कराया। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 2 अक्टूबर को होगा। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की। इस अवसर पर महंत सुरेश दास, राघवाचार्य, अवधेश दास, दासलाल जी, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, संतोष दास आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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