Gorakhpur News: यूपी की 1248 PHC पर इलाज के नाम पर खानापूर्ति, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Gorakhpur News: स्वास्थ्य महकमे द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक 1248 पीएचसी का प्रदर्शन औसत से नीचे है। इन्हें 50 फीसदी से कम अंक मिले हैं। जबकि 638 पीएचसी का प्रदर्शन औसत मिला, इन्हें 50 से 70 फीसदी के बीच अंक मिले हैं।;
Gorakhpur News: (Photo Social Media)
Gorakhpur News: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही बेहतरी के तमाम दावे हो रहे हों लेकिन हकीकत खुद स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में सामने आ गई है। प्रदेश के सभी 3799 पीएससी पर 15 बिंदुओं पर हुए परीक्षण में 1248 पीएससी केन्द्रों पर औसत से भी कम इलाज की सुविधाएं हैं। कहीं दवाएं नहीं हैं तो कहीं एक भी कंडोम का वितरण परिवार नियोजन को लेकर नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य महकमे द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक 1248 पीएचसी का प्रदर्शन औसत से नीचे है। इन्हें 50 फीसदी से कम अंक मिले हैं। जबकि 638 पीएचसी का प्रदर्शन औसत मिला, इन्हें 50 से 70 फीसदी के बीच अंक मिले हैं। पोर्टल पर 70 फीसदी से अधिक अंक पाने वालों में 1913 पीएचसी शामिल हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सीएमओ को पत्र लिखकर खराब प्रदर्शन करने वाले पीएचसी की स्थिति को सुधारने के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर के कुल 92 पीएचसी में से 45 में सुविधाएं बेहतर हैं। इन्हें 70 फीसदी से अधिक अंक मिले। 28 पीएचसी की हालत बेहद खस्ता है। जबकि 19 पीएचसी औसत श्रेणी की है। देवरिया और सिद्धार्थनगर में पीएचसी की स्थिति सबसे खराब दोनों मंडलों में देवरिया और सिद्धार्थनगर के पीएचसी की स्थिति सबसे खराब है। दोनों जनपदों में दो तिहाई पीएचसी का प्रदर्शन औसत या उससे खराब है। देवरिया की कुल 79 में से 34 और सिद्धार्थनगर में 71 में से 39 पीएचसी का प्रदर्शन औसत से नीचे हैं।
एचएमआईएस पोर्टल पर दर्ज मानकों पर परीक्षण
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 3799 पीएचसी का एचएमआईएस पोर्टल पर दर्ज मानकों पर परीक्षण कराया था। इन मानकों में मरीज का ओपीडी में इलाज, दवा, गैर संचारी रोगों की पहचान व विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल है। इसके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें अंक दिए गए। पोर्टल के मुताबिक जिन पीएचसी का अंक 70 फीसदी या उससे अधिक था, उन्हें बेहतर माना गया। 50 से 70 फीसदी अंक पाने वाले को औसत और 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले के प्रदर्शन को खराब माना गया है। इनमें सुधार की सबसे ज्यादा अपेक्षा है।