Gorakhpur News: बाढ़ से बचाने को बन रही तीन किलोमीटर लंबी दीवार, शहर की रफ्तार बढ़ाने में भी मिलेगी मदद

Gorakhpur News: गोरखपुर के बहरामपुर क्षेत्र में जहां बाढ़ में राप्ती और रोहिन नदी का संगम बनता है। वहां से उठने वाली तेज लहरों से शहर को खतरा रहता है। ऐसे में हार्बर्ट बांध फोरलेन के किनारे 2940 मीटर लंबाई में कंक्रीट की मजबूत दीवार बनाई जा रही है।;

Update:2025-02-11 08:07 IST

Gorakhpur News: (Photo Social Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर बाढ़ की ताबाही से हर साल दो-चार होता है। अब गोरखपुर शहर को बाढ़ की दुश्वारियों से बचाने के लिए पीडब्ल्यूडी करीब 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट की दीवार बना रहे हैं। इस दीवार को राप्ती और रोहिन नदी के पानी को शहर में घुसने से रोकने को बनाया जा रहा है। इस दीवार से सटकर ही फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। जिससे शहर को ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके।

गोरखपुर के बहरामपुर क्षेत्र में जहां बाढ़ में राप्ती और रोहिन नदी का संगम बनता है। वहां से उठने वाली तेज लहरों से शहर को खतरा रहता है। ऐसे में हार्बर्ट बांध फोरलेन के किनारे 2940 मीटर लंबाई में कंक्रीट की मजबूत दीवार बनाई जा रही है। जिससे बरसात में कई मोहल्ले के लोगों की चिंता दूर होगी। बाढ़ में लहरों की मार झेलने वाले हार्बर्ट बांध को फोरलेन से बनाने पर आईआईटी बीएचयू की टीम ने रिटेनिंग वॉल की डिजाइन बनाई है। इसमें सबसे ज्यादा मजबूत दीवार बहरामपुर से डोमिनगढ़ पुल के बीच में बनाई जा रही है, वहां 1125 मीटर क्षेत्र में बाढ़ में दो नदियों के पानी को टकराने के कारण सबसे अधिक दबाव रहता है।

12 मीटर गहराई की पायलिंग

डूब क्षेत्र में बलुई मिट्टी है इस कारण वहां 12 मीटर गहराई की पायलिंग के साथ 4.30 मीटर चौड़े फाउंडेशन के ऊपर 4.60 मीटर आरसीसी दीवार बनाई जा रही है, जिसमें नीचे 70 सेमी और ऊपर 30 सेमी चौड़ाई होगी। 1815 मीटर लंबाई में बिना पायलिंग के करीब सात मीटर ऊंची रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। अब 4.07 किमी बांध में 2940 मीटर दीवार हो जाएगी। डूब क्षेत्र में तेजी से कार्य कराया जा रहा है ताकि बरसात तक बाढ़ से खतरा न रह जाए। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अरविंद सिंह का कहना है कि हार्बर्ट बांध फोरलेन के किनारे स्लज और गारबेज निकल रहा है। आईआईटी बीएचयू की टीम ने अध्ययन करके फोरलेन की सुरक्षा के लिए रिटेनिंग वॉल की डिजाइन बनाई है। बरसात से पहले रिटनिंग वॉल का कार्य पूरा हो जाएगा। और फोरलेन का काम तेजी से किया जाएगा।

2002 और 1998 जैसे बाढ़ का रहता है खौफ

लोगों का कहना है कि 2002 और 1998 की बाढ़ में दबाव सबसे अधिक था तो लोग डर गए थे। एक बार पुलिया के पास रिसाव हुआ तो लगा कि बाढ़ का पानी शहर में घुसा और तबाही मच जाएगी। पहले बांध के किनारे ईंट बिछाई गई थी, लेकिन कंक्रीट की दीवार से शहर सुरक्षित होगा। वहीं पार्षद का कहना है कि बाढ़ में जफर कॉलोनी, तिवारीपुर, बहरामपुर, इलाहीबाग, पिपरापुर, लालडिग्गी के लोगों में डर बना रहता था, जबकि यहां बन रही दीवार को देखकर लोगों को बड़ी तसल्ली है। इसके साथ ही यह फोरलेन शहर में नया बाइपास के रूप में आकार लेगा। अब इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से होने वाला है।

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