Gorakhpur News: क्लिनिकल क्षमता बढ़ाने को सिमुलेशन की विधिवत जानकारी जरूरी, वर्कशॉप के समापन पर बोले डॉ.रेड्डी
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संकाय में 3 फरवरी से आयोजित सिमुलेशन वर्कशॉप का समापन हो गया।;
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संकाय में 3 फरवरी से आयोजित सिमुलेशन वर्कशॉप का समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंटीग्रल हॉस्पिटल, आईआईएमएसआर लखनऊ की नर्सिंग अधीक्षक डॉ. अन्नापुमा रेड्डी ने क्लिनिकल क्षमता के मूल्यांकन की जानकारी देते हुए कहा कि इस क्षमता को बढ़ाने के लिए नर्सिंग स्टाफ को सिमुलेशन की विधिवत जानकारी होनी चाहिए।
डॉ. रेड्डी ने कहा कि क्लीनिकल क्षमता स्वास्थ्य पेशेवरों की रोगी देखभाल, नैदानिक निर्णय और व्यावसायिक कौशल की दक्षता को दर्शाती है। पर, क्लिनिकल क्षमता के मूल्यांकन में संसाधनों की कमी और सुयोग्य परीक्षकों की कमी जैसी चुनौतियां सामने आती हैं। इसके बावजूद, यह एक विश्वसनीय प्रणाली है जो छात्रों की व्यावहारिक तैयारी को बेहतर बनाती है, रोगी सुरक्षा को बढ़ाती है और नर्सिंग शिक्षा में मानकीकृत मूल्यांकन को सक्षम बनाती है। समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी की नर्सिंग सलाहकार डॉ. नीतू देवी, स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. मोनिका रीटा हेंड्रिक्स, प्रोग्राम ऑफिसर एनी निर्मला उपस्थित थीं। नर्सिंग संकाय की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, उप प्राचार्या प्रिंसी जॉर्ज ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर अतिथियों का अभिनंदन किया। कार्यशाला के अंत मे अपने अनुभव साझा किए।
वाद विवाद में शिवाजी ग्रुप को पहला स्थान
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की आर्यभट इकाई एवं शिवाजी इकाई के संयुक्त तत्वावधान में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों के स्वयसेवको ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने विचारों की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी प्रतियोगिता का विषय विन्दु बजट 2025 था, जिस पर आर्यभट इकाई के स्वयंसेवक प्रतिभागियों ने पक्ष में एवं शिवाजी इकाई के स्वयंसेवक विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों ने अपनी प्रभावशाली वक्तृत्व शैली, तार्किक क्षमता और सटीक तथ्यों के साथ दर्शकों एवं निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रश्मि झा ने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों में तार्किक क्षमता, अभिव्यक्ति कौशल और आत्मविश्वास को विकसित करती हैं। प्रतियोगिता में शिवाजी को प्रथम स्थान, आर्यभट्ट को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।