Gorakhpur News: कोचिंग, होटल से लेकर अस्पताल तक बेसमेंट में! अभी तक किस ‘कीमत’ पर खामोश था प्राधिकरण?

Gorakhpur News: पहले भी प्राधिकरण नोटिस देता रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि प्राधिकरण के अधिकारी आखिर किस कीमत पर अभी तक खामोशी ओढ़े हुए थे?

Update:2024-08-02 19:51 IST

Gorakhpur News: दिल्ली में बेसमेंट में संचालित कोचिंग में अचानक पानी घुसने से तीन प्रतियोगी छात्रों की मौत के बाद मचे घमासान के बीच प्रदेश सरकार की नींद टूटी है। पूरे प्रदेश में बेसमेंट में संचालित कोचिंग से लेकर कारोबारी गतिविधियों को लेकर विकास प्राधिकरण जांच कर रहे हैं। गोरखपुर में भी विकास प्राधिकरण के अधिकारी 01 अगस्त से जांच कर रहे हैं। अभी तक प्राधिकरण के अधिकारी 126 प्रतिष्ठानों को अनिमियतता में चिन्हित कर चुके हैं। इसमें कोचिंग संस्थान, होटल, अस्पताल, ऑटो मोबाइल शो रूम से लेकर रेस्टोरेंट तक है। ऐसा नहीं है कि ये प्रतिष्ठान पहली बार चिन्हित हुए हैं। पहले भी प्राधिकरण नोटिस देता रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि प्राधिकरण के अधिकारी आखिर किस कीमत पर अभी तक खामोशी ओढ़े हुए थे?

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी प्रभारी मुख्य अभियन्ता किशन सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को पार्किंग में संचालित प्रतिष्ठानों की तलाश में निकले। विभिन्न टीमों द्वारा मुथूट, मोमेन्टम कोचिंग सेन्टर, पिलर्स कोचिंग सेन्टर, फिनकार्प, वैल्यू वेराइटी वी-2, तनिश्क ए टाटा प्रोडक्ट, चौधरी स्वीट ऐण्ड बेकर्स, रामजस राय आसकरन दास का मंगलमाल, श्री राम टावर, मंगलम वेंकट हाल, एमबी हीरो, एबी टावर्स, वी-मार्ट, ए-टू जेड बिग बाजार, गोदरेज इन्टीरियो, गायत्री डेन्टल क्लीनिक एण्ड इम्पलान्ट सेन्टर, गीतांजली स्टूडियो, प्रयास चाइल्ड एण्ड मदर क्लीनिक, मिआ बाए तनिष्क, सुरजीत फाइनेन्स, बजाज फाइनेन्स, बजाज, स्पेकार, नायक इन्क्लेव आदि के बेसमेन्ट की जॉच की गयी। सभी प्रतिष्ठानों में खामियां मिली।

कार्रवाई के बजाए मानचित्र लेकर प्राधिकरण बुलाया

प्राभारी मुख्य अभियंता के निर्देश पर हो रही जांच में किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों के बेसमेन्टों / पार्किंग जिसमें मौके पर उनसे स्वीकृत मानचित्र की मॉग की गयी। मुख्य अभियंता का कहना है कि सभी को निर्देशित किया गया कि तीन दिन के अन्दर प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र प्रस्तुत करें तथा स्वीकृत मानचित्र के अनुसार ही बेसमेन्ट का प्रयोग किया जाय एवं इसके अलावा अन्य किसी भी प्रकार की गतिविधियाँ संचालित न की जॉए। वर्तमान तक कुल 126 प्रकरण चिन्हित किये गये हैं, जिन्हें नोटिस देने की कार्यवाही की जा रही है।

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