Gorakhpur News: मुर्गे की बढ़ी मांग, चुनावी तपिश के बीच तीहरे शतक के करीब पहुंचा रेट

Gorakhpur News: लंबे समय से 200 रुपये प्रति किलो से कम पर बिकने वाला मुर्गा 6 मई को 280 रुपये किलो तक बिका। मांग को देखते हुए कीमतें जल्द ही 300 रुपये तक पहुंच सकती हैं।

Update: 2024-05-06 13:44 GMT

चुनावी मौसम में मुर्गे की बढ़ी मांग : Photo- Social Media

Gorakhpur News: चुनावी मौसम में मुर्गे की बढ़ी मांग का असर कीमतों पर साफ दिखने लगा है। लंबे समय से 200 रुपये प्रति किलो से कम पर बिकने वाला मुर्गा 6 मई को 280 रुपये किलो तक बिका। कारोबारियों का कहना है कि मांग को देखते हुए कीमतें जल्द ही 300 रुपये तक पहुंच सकती हैं। वहीं दूसरी तरफ बकरी का मीट 350 रुपये किलो ही बिक रहा है।

गर्मी में वैसे भी मुर्गे की ग्रोथ कम होने से कीमतें बढ़ने लगती हैं। लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों से कीमतें 160 से लेकर 220 रुपये के बीच ही रही हैं। लंबे समय के बाद मुर्गे की कीमत 240 से 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। थोक कारोबारी जित्तन का कहना है कि गर्मी में मुर्गे की ग्रोथ कम होती है। डेढ़ किलो के वजन का मुर्गा तैयार होने में 50 दिन लग जाता है। वहीं ठंड में 30 से 40 दिन में ही मुर्गे का वजन 2.5 से लेकर तीन किलो तक हो जाता है।

बिछिया में मुर्गे के मीट के कारोबारी चांद का कहना है कि पोल्ट्री फॉर्म से मुर्गा 230 से लेकर 240 रुपये किलो मिल रहा है। पोल्ट्री फॉर्म वाले मांग के हिसाब से सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। पहले एक दिन में तीन कुंतल तक मुर्गा बेच लेते थे, अब यह आंकड़ा दो कुंतल तक आ गया है। पोल्ट्री फार्म मालिक जितेन्द्र जायसवाल का कहना है कि मुर्गा पालन को लेकर वैक्सीन से लेकर दाना तक में महंगाई की मार है। ऐसे में कीमतें बढ़ रही हैं। चुनाव को लेकर गांव-गांव खपत बढ़ी है।

कैटर्स ध्रुव श्रीवास्तव कहते हैं कि बकरे के मीट की तुलना में मुर्गे का मीट बनवाने वालों की संख्या अधिक है। अभी भी बकरे और मुर्गा की कीमत में दो गुने से अधिक का अंतर है। रेलवे स्टेशन पर बिरयानी सेंटर चलाने वाले मंजूर का कहना है कि रोज 30 से 40 किलो मुर्गे के मीट की खपत है। 180 वाला मुर्गा 280 रुपये किलो होने से लागत बढ़ गई है।

बकरे का मीट 750 से 800 रुपये किलो

जेल बाईपास, असुरन से लेकर मेडिकल कॉलेज रोड पर कई दुकानदारों द्वारा बकरी का मीट बेचा जा रहा है। इसकी कीमत अभी भी 350 रुपये किलो है। एक दुकानदार ने बताया कि अधिक उम्र की बकरियों को बिहार के विभिन्न जिलों से मंगाया जाता है। इसके साथ ही बकरी पालन करने वाले भी इसकी बिक्री कर रही है। हालांकि वहीं बकरे का मीट अभी भी 750 से लेकर 800 रुपये किलो बिक रहा है। 

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