Gorakhpur News: मेंटल हेल्थ, हाइजीन एंड न्यूट्रिशनल लिटरेसी पर DDU में दो दिवसीय मंथन 8 से, जुटेंगे फ्रांस, स्वीडन, फ़लिस्तीन एवं दुबई के विशेषज्ञ
Gorakhpur News Today: कांफ्रेंस समन्वयक डॉ विस्मिता पालीवाल ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन आईसीएसआर नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है।;
Gorakhpur News Today: गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आगामी 08 एवं 09 फ़रवरी को होना है। संगोष्ठी में कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे। मेंटल हेल्थ, हाइजीन एंड न्यूट्रिशनल लिटरेसी पर दो दिन होगा मंथन जिसमें फ्रांस से डॉ. जूली गरलेंड, स्वीडन की डॉ. लीना क्रिस्टीना, फ़लिस्तीन से डॉ. वाएल अबु हसन एवं दुबई से डॉ. सागी सेठू मुख्य वक्ताओं के रूप में जुड़ेंगे। इसके अतिरिक्त कई राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी सहभागिता करेंगे।
इस संगोष्ठी को विज़न विकसित भारत@2047 योजना के अंतर्गत भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में शोध पत्र आमंत्रित किए हैं, जिसका आईसीएसएसआर से बनाई गई कमेटी रिव्यू करेगी उसके पश्चात पच्चीस सबसे बेस्ट पेपर चयनित किए जाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी। कांफ्रेंस की समन्वयक डॉ विस्मिता पालीवाल, मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो धनंजय कुमार, सह समन्वयक डॉ आशीष शुक्ला एवं डॉ मनीष पांडेय ने कुलपति से मिलकर कार्यक्रम की अध्यक्षता का आमंत्रण दिया और मार्गदर्शन प्राप्त किया।
आईसीएसआर नई दिल्ली के सहयोग से हो रही संगोष्ठी
कांफ्रेंस समन्वयक डॉ विस्मिता पालीवाल ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन आईसीएसआर नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विश्विद्यालय के विधि विभाग, समाजशास्त्र विभाग, एमिटी यूनिवर्सिटी राजस्थान एवं चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब के संयुक्त तत्वावधान में कराया जा रहा है। विकसित भारत मिशन में युवाओं की भूमिका को देखते हुए यह कॉन्फ्रेंस बेहद महत्वपूर्ण होगा। कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने कहा कि विकसित भारत@2047 की सफलता में उच्च शिक्षण संस्थानों को भूमिका को लेकर आयोजित हो रहा यह अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बेहद महत्वपूर्ण है। सन् 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में अकादमिक योगदान के दृष्टिगत यह कॉन्फ्रेंस अत्यंत प्रासंगिक और नीति निर्धारण (पॉलिसी मेकिंग) में गंभीर हस्तक्षेप करने में सक्षम होगा।
साहित्य विमर्श’ के 15वें संस्करण का कुलपति ने किया विमोचन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रकाशित ‘साहित्य विमर्श’ मासिक पत्रिका के 15वें संस्करण का विमोचन मंगलवार को कुलपति प्रो. पूनम टंडन के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। यह पत्रिका विभाग द्वारा नियमित रूप से प्रतिमाह प्रकाशित की जाती है और इसकी सबसे विशेष बात यह है कि इसका सम्पादन स्वयं छात्र-छात्राओं द्वारा किया जाता है।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ल ने बताया कि अब तक 45 से अधिक विद्यार्थियों ने इस पत्रिका के विभिन्न अंकों के संपादन में योगदान दिया है। इस 15वें संस्करण में ‘महाकुंभ’ को थीम के रूप में लिया गया है। और इसका आवरण पृष्ठ भी महाकुंभ पर आधारित है। पत्रिका में महाकुंभ से संबंधित लेखों और कविताओं को भी स्थान दिया गया है। इसके अलावा, जनवरी माह में जन्मे प्रमुख साहित्यकारों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इस संस्करण के संपादक मंडल में विशाखा दीक्षित, श्रेया पांडेय, सौरव कुमार, और हर्षिता तिवारी जैसे शोधार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियाँ विद्यार्थियों के साहित्यिक विकास में सहायक होती हैं। उन्होंने पत्रिका के सतत प्रकाशन की सराहना करते हुए कहा कि ‘साहित्य विमर्श’ विभागीय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक मंच है और इसकी निरंतरता बनी रहनी चाहिए। प्रो. अजय शुक्ल ने भी विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि साहित्य विमर्श न केवल रचनात्मकता का मंच है, बल्कि यह छात्रों में नेतृत्व क्षमता, अनुसंधान प्रवृत्ति और साहित्यिक अभिरुचि को भी विकसित करता है।