Gorakhpur के तीन यूनिवर्सिटी में लोकपाल नियुक्त, जानें कितनी अहम है ये नियुक्तियां

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम, सोनबरसा गोरखपुर का लोकपाल नियुक्त किया गया है।

Update:2023-12-18 19:37 IST

प्रो. वीके सिंह, लोकपाल, एमएमएमयूटी और प्रो. निरूपमा अग्रवाल, लोकपाल, डीडीयू (Social Media)

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की गाइडलाइन को देखते हुए लोकपाल की नियुक्ति कर दी गई है। विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों की शिकायतों के निवारण के लिए यूजीसी ने इस वर्ष अप्रैल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम-2023 बनाया था।

विनियम में सभी विश्वविद्यालयों में इसके लिए एक तंत्र विकसित करने प्रावधान रखा गया था। इसमें यह व्यवस्था की गई थी कि हर विश्वविद्यालय में एक छात्र शिकायत निवारण समिति का गठन कर लोकपाल की नियुक्ति सुनिश्चित हो।

प्रो. विजय कृष्ण सिंह को मिली कमान 

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम, सोनबरसा गोरखपुर का लोकपाल नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने की अवधि (इनमें से भी पहले हो) के लिए होगा। यह जानकारी महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने दी है। उन्होंने बताया कि लोकपाल के रूप में प्रो. वीके सिंह की नियुक्ति महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी के आदेशानुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 11 अप्रैल 2023 को जारी अधिसूचना में विद्यार्थियों की शिकायतों के समाधान के लिए लोकपाल की नियुक्ति प्राविधानों के अंतर्गत की गई है।

विजय कृष्ण कई महत्वपूर्ण जगह दे चुके हैं सेवाएं 

कुलसचिव ने बताया कि, लोकपाल की नियुक्ति, सेवाकाल एवं शर्तें वही होंगी जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय-समय पर विहित की जाएंगी। लोकपाल छात्र शिकायत निवारण समिति के निर्णयों के विरुद्ध की गई अपीलों की सुनवाई कर निर्णय लेंगे। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में लोकपाल नियुक्त किए गए प्रो. वीके सिंह, पूर्व में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति तथा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) लखनऊ के प्रति कुलपति रह चुके हैं। विद्यार्थी के रूप में यूजी तथा पीजी में गोल्ड मेडलिस्ट प्रो. सिंह गणित में डॉक्टरेट हैं और उन्हें शिक्षण व शोध के क्षेत्र में 37 वर्ष का अनुभव है। प्रो. वीके सिंह, पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह के सुपुत्र हैं।

प्रो. निरुपमा अग्रवाल डीडीयू की लोकपाल

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शनिवार को लोकपाल नियुक्त कर दिया। डीडीयू ने लखनऊ विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय की पूर्व अधिष्ठाता प्रो. निरुपमा अग्रवाल को लोकपाल बनाया है। एमएमएमयूटी ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर और आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति रहे प्रो. वीके सिंह को लोकायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है। भारत के राजपत्र के अनुपालन के क्रम में यूजीसी के निर्देश पर दोनों विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की गई है।

कार्यकाल कब तक? 

दोनों लोकपाल नियुक्ति की तिथि से तीन वर्ष तक या 70 वर्ष की उम्र पूर्ण होने (जो भी पहले हो) अपने पद पर बने रहेंगे। इससे पहले विश्वविद्यालय में लोकपाल की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए दोनों ही लोकपाल संबंधित विश्वविद्यालय के पहले लोकपाल हैं। डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने इनकी नियुक्ति पर मुहर लगाई है। बताते हैं कि 31 दिसंबर से पहले लोकपाल नियुक्त किए जाने का आदेश था।

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