Gorakhpur News: सांसद रविकिशन ने कराया अपना प्रकृति परीक्षण, जानें किस अभियान के लिए हुआ ऐसा
Gorakhpur News: सांसद ने आयुर्वेद को भारत की तरफ से पूरी दुनिया के लिए अनमोल उपहार बताते हुए आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना की।
Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के तहत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के चिकित्सकों और राष्ट्रीय सेवा योजना अष्टावक्र इकाई के स्वयंसेवक बीएएमएस विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग के आह्वान पर अट्ठारह वर्ष से ऊपर सभी नागरिकों को आयुर्वेद से जोड़ने के लिए प्रकृति परीक्षण अभियान चलाया। इस अभियान में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखनाथ मंदिर काम्प्लेक्स, जल निगम नौका विहार, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस चिकित्सालय में निशुल्क शिविर लगाकर नागरिकों का प्रकृति परीक्षण कर आनलाइन प्रमाण पत्र प्रदान किया।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी आयुर्वेद कॉलेज के अभियान को प्रोत्साहित करते हुए अपना प्रकृति परीक्षण करवाया। सांसद ने आयुर्वेद को भारत की तरफ से पूरी दुनिया के लिए अनमोल उपहार बताते हुए आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी की मंशा उत्तर प्रदेश को आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की है। आयुर्वेद सम्मत प्रकृति परीक्षण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी आचार्य साध्वी नन्दन पाण्डेय ने बताया कि प्रकृति परीक्षण किसी व्यक्ति की मनो-शारीरिक स्थिति को वर्गीकृत करने की एक नियमावली के साथ एक युक्ति है। इस परीक्षण में, व्यक्ति की प्रकृति को जानने के लिए बारह प्रश्नों का जवाब देना होता है। इसके बाद, एक विशेषज्ञ कार्यकर्ता क्यूआर कोड स्कैन करके व्यक्ति का प्रकृति बताते हैं और स्वस्थ जीवनशैली के आयुर्वेद पद्धति के अनुसार परामर्श देते हैं।
दिया जा रहा आनलाइन कार्ड
आचार्य पाण्डेय ने बताया कि इस परीक्षण के बाद व्यक्ति को एक आनलाइन कार्ड प्रदान किया जाता है। जिसमें वात-पित्त-कफ़ के प्रभाव से जुड़ी जानकारी होती है। साथ ही रिपोर्ट में खान-पान, दिनचर्या, और नींद लेने का सही समय जैसी जानकारी भी दी जाती है। इस अभियान में आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, डॉ. गोपीकृष्ण, डॉ. मिनी, डॉ. शान्तिभूषण, डॉ. वैशाख, डॉ. किरण रेड्डी, डॉ. संध्या पाठक, डॉ. विष्णु आदि चिकित्सक, बीएएमएस विद्यार्थी और एनएसएस अष्टावक्र इकाई के सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।