Gorakhpur News: 106 की उम्र में रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी ने क्यों किया मतदान? समर्थन में हैं 99.20% कर्मचारी
Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद राय ने बताया कि मंगलवार व बुधवार को चले हड़ताल जनमत में एनपीएस के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न कर्मचारी संगठनों की तरफ से न्यू पेंशन स्कीम को लेकर दो दिनों तक कर्मचारियों के मतदान का परिणाम बेहद चौंकाने वाला है। 21 व 22 नवम्बर को हड़ताल को लेकर हुए मतदान में पूर्वोत्तर रेलवे के 99.20 फीसदी कर्मचारियों ने न्यू पेंशन स्कीम को खत्म करने के पक्ष में मतदान किया है। इसमें 106 वर्ष के कर्मचारी नेता केएल गुप्ता ने भी पूरे जोश से मतदान किया। मतदान के परिणामों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि लंबे समय बाद इस बार रेलकर्मी हड़ताल पर जा सकते हैं।
दो दिन तक हुए मतदान के बाद शुक्रवार को लखनऊ, इज्जतनगर, वाराणसी मण्डल और गोरखपुर मुख्यालय सुबह 10 बजे से मतों की गिनती शुरू हुई। शाम को गितनी पूरी होने के बाद नरमू के महामंत्री केएल गुप्ता ने परिणाम की घोषणा की। महामंत्री ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में 99.20 फीसदी मतदान हुआ। जबकि न्यू पेंशन स्कीम के पक्ष में सिर्फ 0.05 फीसदी कर्मियों ने मतदान किया। इसकी सूचना ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा को भेज दी गई है। अब केन्द्रीय नेतृत्व से संदेश आने के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद राय ने बताया कि मंगलवार व बुधवार को चले हड़ताल जनमत में एनपीएस के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विशेषकर महिला कर्मचारियों की सहभागिता शत-प्रतिशत रही। पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों इज्जतनगर, लखनऊ एवं वाराणसी मंडल, इज्जतनगर कारखाना मंडल सहित कई विभागों में पोलिंग बूथ पर कर्मचारियों ने जाकर मतदान किया।
हड़ताल ही एकमात्र विकल्प
106 साल के कर्मचारी नेता केएल गुप्ता का कहना है कि अब संगठन के पास पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने के लिए एकमात्र हड़ताल की विकल्प बचा है। ऐसे में हमारे संगठन के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। संदेश आते ही अक्रामक रवैया अपनाया जाएगा। अब बातचीत का दौर खत्म हो चुका है।