राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोली, क्षेत्रीय बोलियों पर आधारित अधिक से अधिक पाठ्यक्रम चलाएं जाए

Lucknow News: ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल आंनदी बेन पटेल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषाओं विशेषकर क्षेत्रीय बोलियों एवं भाषाओं पर आधारित अधिक से अधिक पाठ्यक्रम चलाने पर बल दिया।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-22 20:40 IST

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल।

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने आज कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषाओं विशेषकर क्षेत्रीय बोलियों एवं भाषाओं पर आधारित अधिक से अधिक पाठ्यक्रम चलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों को रोजगार परक बनाने की दिशा में भी विश्वविद्यालय को सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ में उन्होंने कहा कि भविष्य में जीवन की सफलता आप द्वारा प्राप्त किए गए ज्ञान और जीवन लक्ष्यों को लगन के साथ पूरा करने से प्राप्त होगी। जो विद्यार्थी पदक प्राप्त करने से रह गए हैं वे अपनी क्षमताओं को कम न आंके क्योंकि कुछ नंबरों से आगे-पीछे हो जाना आपके आगामी जीवन में प्रभावी नहीं होगा। 

विश्वविद्यालय से निकले छात्र अच्छे पदों पर विराजमान: आंनदी बेन पटेल

आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ (Khwaja Moinuddin Chishti Language University Lucknow) के दीक्षान्त समारोह (Convocation ceremony) में राज्यपाल आंनदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने कहा कि इस संस्थान का नाम देश के महान सूफी-संत ख्वाजा मुुईनुद्दीन चिश्ती से जुड़ा है, जिन्हें गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कानपुर आईआईटी (Kanpur ITI) के पुराने छात्रों द्वारा अपने संस्थान के संसाधनों की बढ़ोत्तरी के लिए दिए गए योगदानों को अनुकरणीय बताया और कहा ये हमारे सभी युवाओं के लिये प्रेरक है। उन्होंने कहा कि इस भाषा विश्वविद्यालय से निकले वे पुराने छात्र जो आज कहीं न कहीं अच्छे-अच्छे उच्च पदों पर होंगे, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने पूर्व शैक्षिक संस्थान की मदद करें, ताकि आने वाली पीढ़ी को और बेहतर संसाधनों के साथ अध्ययन करने का अवसर मिल सके।

राज्यपाल ने रक्तदान-प्लेटलेट दान मुहिम से जुड़ने का किया आह्यान

राज्यपाल (Governor Anandi Ben Patel) ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जितना जल वर्ष भर में उपयोग में लाया जाता है। वो उतना जल संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयास करें। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों को रक्तदान-प्लेटलेट दान जैसे मानव जीवन उपयोगी मुहिम से जुड़ने का आह्यान भी किया। उन्होंने कहा कि मानव-जीवन को बचाने में इसकी कमी को सिर्फ दान के द्वारा नैसर्गिक रूप से ही प्राप्त किया जा सकता और इसके दान से कोई शारीरिक क्षति भी नही होती हैं, ये स्वतः शरीर में फिर बन जाता है। राज्यपाल ने बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर रोधी टीका लगवाने की दिशा ने शैक्षणिक संस्थानों द्वारा परिवारों तक जागरूकता का प्रसार करने पर भी जोर दिया।

संस्थान के 83 विद्यार्थियों को 93 पदक किए प्रदान

समारोह में राज्यपाल  ने संस्थान के 83 विद्यार्थियों को 93 पदक प्रदान किए। इसमें विविध संकाय के विद्यार्थियों ने 39 स्वर्ण, 27 रजत, 27 कांस्य पदक प्राप्त किए। छात्रों ने 43 पदक तथा छात्राओं ने 40 पदक प्राप्त किए। राज्यपाल  ने समारोह में माध्यमिक विद्यालय से आए 20 छात्रों को पठन-पाठन सामग्री की किट में एक बैग, पानी की बोतल, पेंसिल बॉक्स, महात्मा गांधी की पुस्तक  "मेरे सत्य के प्रयोग" तथा फलों की टोकरी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया।

ज्ञान प्राप्ति के लिए विनम्रता पहली आवश्यकता: मालिनी अवस्थी

समारोह में विशिष्ट अतिथि लोक गायिका एवं पद्मश्री मालिनी अवस्थी (Padmashree Malini Awasthi) ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आजीवन अध्ययन करते रहने को कहा। उन्होंने समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों को बताया कि ज्ञान प्राप्ति के लिए विनम्रता पहली आवश्यकता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Prof Alok Kumar Rai) ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और कहा कि विश्वविद्यालय का अंतिम दिन किसी विद्यार्थी के लिए जीवन की जंग में कूदने का पहला दिन भी होता है। उन्होंने विद्यार्थियों की सफलता की कामना करते हुए कहा कि वे अपने जीवन में ऐसे आयाम स्थापित करें जो न केवल उनके लिए बल्कि समस्त राष्ट्र एवं समाज के लिए उपयोगी हों।

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