लखनऊ: यूपी के गवर्नर राम नाईक ने गुरुवार को राजभवन में 102 पेज की कार्यवृत्त पुस्तक 'राजभवन में राम नाईक 2014-15' जारी की। जिसमें गवर्नर राम नाईक द्वारा पिछले एक साल में किए गए कामों का विवरण है। राम नाईक ने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके जनप्रधिनिधि या संवैधानिक संस्थाओं की क्या कार्य पद्धति है और उनका योगदान क्या है। बता दें, कि राम नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को यूपी के गवर्नर पद की शपथ ली थी। राजभवन में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जहां गवर्नर राम नाईक ने अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया वहीं यह भी कहा कि पहले आजम खान ने सीमा तोड़ी, तब मैंने दखल दिया।
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गर्वनर राम नाईक ने कहा
-गर्वनर राम नाईक ने कहा कि विधानसभा में ज्यादातर स्पीच काट दी गई।
-रामनाईक ने कहा कि एक साल की कार्यावधि में 5,810 नागरिकों से मुलाकात की।
-उन्हें 44,066 प्रार्थना पत्र आम नागरिकों और संस्थाओं से प्राप्त हुए।
-संविधान के दायरे में रहते हुए दायित्व निभाया।
-गर्वनर नाईक ने कहा कि उन्होंने सीएम अखिलेश यादव को कहा कि गवर्नर की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।
-अंग्रेजों के जमाने की पोशाक को बदला। 22 यूनिवर्सिटीज का दीक्षांत समारोह सही वक्त पर हुआ।
-गवर्नर राम नाईक ने कहा कि एक वर्ष के कार्यकाल में राष्ट्रपति को 19 लेटर, प्रधानमंत्री को 37 लेटर, उप राष्ट्रपति को और केंद्रीय मंत्रियों को 64 लेटर और मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को कुल 175 लेटर भेजे।