तीन साल में सिर्फ 18 लाख रजिस्ट्रेशन, मतदाता जागरूकता जरूरी- राज्यपाल
राज्यपाल राम नाईक ने सन 2014 के लोकसभा चुनाव और सन 2017 के विधानसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या की तुलना करते हुए कहा कि 3 साल में सिर्फ 1800000 ही मतदाता बढ़े यानी 18 लाख युवा ही 18 साल के हुए उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ
लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने सन 2014 के लोकसभा चुनाव और सन 2017 के विधानसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या की तुलना करते हुए कहा कि 3 साल में सिर्फ 1800000 ही मतदाता बढ़े यानी 18 लाख युवा ही 18 साल के हुए। उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि सबका रजिस्ट्रेशन बराबर नहीं हुआ। सब को जागरुक करना है।
ये बातें उन्होंने राजधानी लखनऊ के संगीत नाट्य अकादमी में मतदाता दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
छात्रों को समझाया एक वोट का महत्व
वोट के महत्व को समझाते हुए राज्यपाल राम नाईक ने छात्रों से कहा कि सन 1998 में लोकसभा में जब अटल बिहारी बाजपेई की सरकार थी उस समय वह भी कैबिनेट मंत्री थे अटलजी 23 पार्टी की सरकार चला रहे थे उस समय उनके खिलाफ सदन में अविश्वास का अविश्वास प्रस्ताव लाया गया उनकी सरकार एक मत के कारण गिर गई।
पोस्टल बैलेट की व्यवस्था सुधारने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि वोटिंग के काम में लगे कर्मचारियों को मतदान करने को नहीं मिलता पोस्टल बैलेट का प्रावधान है पर कर्मचारियों को क्या पता कि उन्हें उनकी ड्यूटी कहां लगेगी यह व्यवस्था सुधारने की जरूरत है।
एक ही मतदाता सूची से हो मतदान
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के लिए दो अलग-अलग संस्थाएं हैं अलग-अलग सूची बनाई जाती है पिछले नगर निगम के चुनाव में शिकायत आई की वोटर लिस्ट में बहुत लोग के नाम शामिल नहीं थे अगर सामान सूची से मतदान हो तो अधिकारी, राजनीतिक दल और मतदाताओं को सुविधा होगी। चुनाव के दिन में झंझट नहीं रहेगा कि मेरा नाम सूची में नहीं है क्योंकि अधिकारों से ही सरकारें बनती हैं और गिर जाती हैं। लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची सौ फीसदी योग्य बने यह संकल्प करके हम आज ही से काम शुरू करें।
एक ही वोटर लिस्ट से होगा चुनाव
इस मौके पर राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि यह मतदाता दिवस का आठवां वर्ष है मतदान सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम होता है पर चुनाव में मतदान के प्रति रुझान उस तरह नहीं दिखाई पड़ता अभी काफी कुछ करना बाकी है।
उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति के बाद राज्यपाल से अपनी शिष्टाचार मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल महोदय ने भी कहा था कि मतदाता सूची में केंद्र और राज्य वोटर लिस्ट का मिलान किया जाए और एक ही वोटर लिस्ट से मतदान कराया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग, Central निर्वाचन आयोग से मिलकर इस दिशा में कदम उठाएगा। आगामी चुनाव में किसी को मतदान के अवसर से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
चीफ सेक्रेटरी से नाराज राज्यपाल, मतदाता दिवस समारोह में नहीं पहुचने से खफा
- राज्यपाल राम नाईक ने मतदाता दिवस के अवसर पर चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार और वरिष्ठ आईएएस प्रवीण कुमार से नाराजगी जताते हुए कहा कि देश के इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यह अधिकारी नहीं पहुंचे।
- राज्यपाल ने कहा कि यदि इन अफसरों को नहीं आना था तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए थी यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
आपको बता दे कि अधिकारियों के कार्यक्रम में आने या नही आने की पूर्व सूचना की वजह से कार्यक्रम अपने पूर्व निर्धारित समय के बजाए देर से शुरू हुआ। राज्यपाल को भी अफसरों का इंतजार करना पड़ा। इस आयोजन में चीफ सेक्रेटरी को आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि 22 जनवरी को बसंत पंचमी 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती 24 जनवरी को यूपी दिवस 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है इसके ठीक पहले 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन मायने रखता है ।
कार्यक्रम में बड़े अधिकारियों समेत कई लोगों को मतदाता जागरूकता के लिए पुरस्कार भी दिया गया।
इन अधिकारियों को राज्यपाल ने किया सम्मानित: