प्रद्युम्न की मौत से सबक! स्‍कूली वाहनों में ट्रैकर-बैग में चिप, स्‍टॉफ का साइको टेस्‍ट

Update:2017-09-29 16:03 IST

लखनऊ: पैरेंटस के लिए एक राहत की खबर है। जल्‍द ही सूबे में सभी स्‍कूली वाहनों में जीपीएस ट्रैकर लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही पैरेंट्स अपने बच्‍चों के बैग मे एक ट्रैकर चिप का भी प्रयोग कर सकेंगे। इससे उन्‍हें अपने नौनिहाल की पल पल की जानकारी उनके मोबाइल पर मिलती रहेगी। इसके साथ ही स्‍कूलों में थर्ड और फोर्थ क्‍लास इम्‍पलाइज का एक साइकलॉजिकल टेस्‍ट और काउंसिलिंग भी की जाएगी। इन सुझावों पर जल्‍द ही प्रदेश सरकार अमल करने जा रही है। गौरतलब है कि सूबे में स्‍कूलों में छात्रों के साथ हो रहे शोषण, रैंगिंग, मारपीट आदि के बढ़ते मामलों को संज्ञान में लेते हुए माध्‍यमिक शिक्षा विभाग ने एक महत्‍वपूर्ण बैठक गुरूवार को आहूत की।

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इस बैठक में खुद डिप्‍टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने राजधानी के सभी राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्‍त, वित्‍तविहीन मान्‍यता प्राप्‍त यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड के सभी स्‍कूलों के प्रिंसपलों से खुली चर्चा करके स्‍कूलों में छात्रों की सुरक्षा और गुणवत्‍ता पूर्ण शिक्षा का एक ब्‍लू प्रिंट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।

बैठक में डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा(माध्यमिक शिक्षा मंत्री), अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल , माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा, डीजीपी सुलखान सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ डॉ मुकेश कुमार सिंह, अन्य जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षक,कमिश्नर लखनऊ, डीएम लखनऊ कौशल राज शर्मा, डीआईजी लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार, राजधानी के सभी बोर्डो के स्कूलों के प्रिंसिपलों ने शिरकत की।

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डीएम लखनऊ तैयार कर रहे साफ्टवेयर, स्‍कूल स्‍टॉफ का होगा सत्‍यापन

डीएम लखनऊ कौशल राज शर्मा ने बताया कि वह एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं। हमलोग इसके जरिए ही स्कूलों से अपने स्‍टॉफ का सत्यापन करने की बात कर रहे हैं।इसके लिए एक सॉफ्टवेयर बना रहे हैं।इसकी वेबसाइट भी बनेगी।सत्‍यापन के बाद जिला प्रशासन एक फोटो लगा डेबिट कार्ड टाइप का कार्ड जारी करेंगे।ये कार्ड ड्राइवर और कंडक्टरों को दिया जायेगा।उसमे स्कूल के वाहन और प्राइवेट वाहनों के ड्राइवर और कंडक्टर भी शामिल होंगे।ये जानकारी स्कूल प्रबंधन खुद इकठ्ठा करके हमे देगा।

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डीएम ने जारी की 17 पॉइंटर की एडवाइजरी

डीएम कौशल राज शर्मा ने इस बैठक में 17 पॉइंटर की एडवाइजरी जारी की।इस एडवाइजरी में कहा गया कि रेयान इंटेरनेशनल स्कूल गुरुग्राम की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।इसलिए एक 17 पॉइंटर की एडवाइजरी जारी की जा रही है।इसमें विद्यालय प्रबंधन में कार्यरत नियमित कर्मचारियों, संविदा, सुरक्षा गार्डों,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, कैंटीन कर्मचारियों का अनिवार्य पुलिस सत्यापन हो। इनसे सम्बंधित अभिलेख विद्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक एवं दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जाये। इनके आधार कार्ड, एडरेस प्रूफ, लाइसेंस आदि की फोटोग्राफी विद्यालयों में सुरक्षित रखी जाए।विद्यालय में अधिकृत वाहनों के अतिरिक्त छात्रो को लाने वाले प्राइवेट वाहनों का विवरण विद्यालय के पास हो और पुलिस से उन वाहन चालको, कंडक्टरों का पुलिस सत्यापन हो।

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स्कूल के वाहन अच्छी दशा में हो और अवैध गैस किट से उनका संचालन कदापि न हो। विद्यालय में कंटीले तारो वाली पर्याप्त ऊँची बाउंडरी हो। विद्यालय के प्रवेश और निकास द्वारों पर मान्यता प्राप्त सुरक्षा एजेंसी से सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी लगाई जाए।

विद्यालय में आने वाले आगंतुकों, अभिभावकों का सम्पूर्ण विवरण रखा जाये। आगंतुक को विद्यालय के अधिकृत प्राधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित पास दिया जाये।हर 2 घंटे पर ये चेक किया जाये की आगंतुक विद्यालय में रुक है या चला गया। आगंतुक के बाहर निकलने पर भी समय रजिस्टर में अंकित किया जाये। विद्यालय में सीसीटीवी लगाये जाये। इसमें कॉरिडोर, स्वीमिंग पूल, वाशरूम प्रवेश द्वार, लाइब्रेरी, ग्राउंड शामिल हो। विद्यालय में अस्त्र, शस्त्र और अनधिकृत वस्तुओं को ले जाने पर पाबंदी हो। छात्र, छात्राओ, कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए अलग वाशरूम हो। विद्यालय में आने वाले बच्चो, शिक्षकों, कर्मचारियों को पहचान पत्र दिया जाये।

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यदि कोई प्लम्बर, कारपेंटर आदि किसी काम से आये तो उसे अस्थायी पहचान पत्र दिया जाये। बस या वैन बच्चो को ले जाते समय विद्यालय प्रशासन ड्राइवर और कन्डक्टर को एक बार अवश्य चेक करा ले। विद्यालय में बच्चो को स्मार्टफोन रखने पर रोक लगे। हर दिन बच्चे का बैग चेक किया जाये। बच्चो के हाथ और बाजू को भी चेक किया जाये। प्रार्थना सभा में इस बारे में जागरूकता दी जाये। स्कूल बच्चो को लाने और ले जाने के लिए वैध पंजीकृत बस या वैन का प्रयोग हो। बस या वैन ड्राइवर का वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो।हर 2 से 3 माह में एक बार बसों और वैनो का फिटनेस चेक हो।स्कूल प्रशासन चेक करे की आवश्यकता से अधिक बच्चे वैन या बस में न भरे जाये।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी किये 7 पॉइंटर दिशा निर्देश

-सुरक्षित विद्यालय प्रांगण

- घर से विद्यालय और विद्यालय से घर तक सुरक्षित आवागमन

- शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का संतुलित व्यव्हार

- विद्यालय में बच्चे- टीचर- कोआर्डिनेटर- प्रिंसिपल के पारस्परिक समन्वय और जागरूकता हो।

- विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से बच्चो पर शारीरिक और यौन उत्पीड़न संबंधी घटना न हो इसके लिए तीन चरणों में कार्यवाही हो जिसमें बचाव के उपाय,ऐसी घटना की रिपोर्ट, तत्काल उचित कार्यवाही हो

- अन्य विविध उपायों जैसे जीवन कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना, पीड़ित अभिभावकों को अनायास परेशान न करना, किसी भी प्रकरण को तीन सदस्यीय समिति के सामने समाधान के लिए रखना, दोषी कर्मचारी का निलंबन, प्रकरण की एफआईआर करना, प्रबंधतंत्र की संलिप्तता की स्थिति में मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही शामिल हों।

- सुरक्षा संबंधी गाइड लाइन का पालन हो जिसमें प्राकृतिक, मानवजनित कारण से होने वाली दुर्घटना, बंद कमरे में कैफेटेरिया में स्टोव न जलाया जाये ऐसे ही सुरक्षा संबंधी गाइड लाइन का पूरा पूरा प्लान किया जाये।

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तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की होगी मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग

अभिभावक संघ के सुनील त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल के बाहर कई ड्राइवर स्मैक भी पीते हैं।कोई सपोर्ट नहीं करता।मैं चाहता हूँ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग हो।ताकि कुंठित मानसिकता के लोगो को चिन्हित किया जा सके।स्कूल में खाली पड़े कमरों या लैबो को बच्चो के लिए सुरक्षित बनाया जाये।ऐसी व्यवस्था हो की उसमे बच्चे प्रवेश न कर पाए।इन्वर्टर के साथ सीसीटीवी लगे।जब बच्चे कॉलेज से छूटे तो ये चेक किया जाये की बच्चे सुरक्षित हाथों में जाएं।

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डिप्‍टी सीएम ने बोले- हर स्‍तर पर कर रहे स्‍वच्‍छता और सुरक्षा का प्रयास

डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि आज के दिन बहुत अच्छी और लंबी चर्चा हुई।इसके पीछे मकसद था कि बच्चो की सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में एक चिंतन हो।सबको एक मंच पे बुलाया गया जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस, सकूल प्रबंधन , अभिभावक सबको एक साथ सुना गया। शिक्षा समाज़ को कलुषित भी कर सकती है और आगे भी ले जाती है।कई विचार हुए, जिसमे अलग अलग दृष्टियां आई।एक तरफ माध्यमिक शिक्षा परिषद और अन्य माध्यमो में पठन पाठन में विषमता है और ये असमानता को जन्म देती है। इसलिए हम स्‍तर पर स्‍वच्‍छता और सुरक्षा का प्रयास कर रहे।डिप्‍टी सीएम ने इन सुझावों के अमल की बात की-

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इसलिए हमने कहा कि नया पाठ्यक्रम एनसीईआरटी पैटर्न पर ही हो।हम कुछ अच्छी चीज़े भी इसमें जोड़ेंगे जिसमे प्रदेश का इतिहास आदि शामिल होगा।हम एक ऐसा माहौल तैयार करेंगे जिसमे पठन पाठन में समानता होगी।

विद्यालय में ख़राब अध्यापक न आये।इसीलिए हम उसपे विशेष ध्यान देने के लिए एक बोर्ड का गठन कर रहे है।योग्य अध्यापक ही विद्यालय में रहें, इसकी व्यवस्था की जा रही है।

टेलीविज़न पे देखा कि बच्चे के साथ एक ऐसी घटना घटी की हमे भी डर लगा की कही ये घटना हमारे यहां न घटे।इसके लिए हमने एक नियमावली बनाई है।जिसका पालन हो।ये किसी को डराने के लिए नहीं, बल्कि सबके सहयोग से अच्छी व्यवस्था चलाने के लिए नियमावली बनाई गई है।

अभिभावकों के लिए भी एक कार्यक्रम होगा जिसमे बच्चो की सुरक्षा के लिए उन्हें बताया जायेगा।वाहनों पर ट्रैकर लगाये जाने के सुझाव से मैं सहमत हूँ।

कक्षा 1 से 5 के बच्चो, 6 से 8 के बच्चो को अन्य बच्चो से थोड़ा सा अलग रखा जाये।जैसे शौचालय अलग हो, बिल्डिंग अलग हो।

अभिभावकों के साथ तारतम्य हो।

पुलिस की बैरिकेटिंग की सुविधा स्कूल के बाहर हो, इसके लिए जिला प्रशासन आपकी मदद करेगा।

बच्चो के स्कूल में एंड्रॉइड फोन लेन पर रोक लगेगी।स्कूलो में फीस को लेकर भी नियंत्रण होगा।

वर्चुअल क्लास देने जैसी सुविधाओं के साथ भी स्कूल चलते हैं।आज प्रबंधक संघ, प्रिंसिपल संघ, शिक्षक संघ, अभिभावक संघ और एनजीओ एक दुसरे के पूरक हैं।सबको एक दुसरे को सपोर्ट करने की आवश्यकता है।

आज सरकारी अध्यापक पढ़ने के अलावा कई काम में लगते हैं।इसकी निगरानी करेंगे।प्राइवेट में भी अध्यापक की सुरक्षा हो इसकी भी व्यवस्था करेंगे।

बोर्ड परीक्षार्थियों का ऑनलाइन पंजीकरण ही होगा।सबके लिए कॉमन नियम होगा।ताकि नकल न हो।कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां 0% नकल होती है।किसी भी चेक की जरूरत नहीं होती क्योंकि वहां कोर्स पूरा होता है।इसलिए हमने समय से कोर्स पूरा करने की व्यवस्था की है।इसके अलावा एक और व्यवस्था करेंगे की स्कूल के टीचर कोर्स पूरा होने के बाद टीचर एक्स्ट्रा क्लास लेकर बच्चो के डाउट कलीयर करे इसके लिए अलग से कुछ मानदेय की व्यवस्था भी करेंगे।

निजी स्कूलों से अनुरोध है कि जितनी पेमेंट टीचर से तय हो सीधे उसके अकाउंट में जाये।विद्यालयों के खर्च का विवरण आपकी विद्यालय की वेबसाइट पे आये।

166 मॉडल स्कूल हम अप्रैल से शुरु करने जा रहे।

स्कूलों में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाए

कई जगह देखा है कि मोबाइल एप्प से बच्चो की मैपिंग कर सकते हैं ।उसके बैगे में एक चिप लगी होती है, जिसमे उसकी पल पल की लोकेशन ट्रेस होती रहती है।यदि संभव हो तो पेरेंट्स इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

आज का मनंतव्य था कि बच्चो की सुरक्षा हो, नकल माफिया का सफाया हो, स्वछ्ता हो।

स्वकेंद्र प्रणाली को बोर्ड परीक्षा से न के बराबर रखा जाये।

प्रबंधतत्र से अनुरोध है कि परीक्षा के दौरान अपने विद्यालय से 200 से 300 मीटर दूर रहे।।सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग चलती रहे।

हमारी वेबसाइट पर आप सुझाव दे सके ऐसी व्यवस्था होगी।हमारी प्राथमिकता है कि तनाव मुक्त विद्यार्थी रहे और सूखी मन शिक्षक रहे।

डिप्टी सीएम ने कहा कि 15 अक्टूबर से पहले ऐसी कई बैठके जिलावार होंगी।

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