UP News: 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह, ये कार्यक्रम होंगे आयोजित

प्रदेश में 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह मनाया जाएगा। इस बार इसकी थीम 'एक संकल्प, नहीं है इसका कोई विकल्प' रखा गया है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update: 2021-07-14 17:28 GMT

कॉसेप्ट फोटो, सोशल मीडिया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल संपदा के महत्व के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए 16 से 22 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में शासन से निर्देश जारी कर दिया गया है। भूगर्भ जल संपदा के जनजागरूकता सप्ताह का मुख्य बिन्दु जल संरक्षण है एक संकल्प, नहीं है इसका कोई विकल्प रखा गया है। इसके तहत सभी जिलों में एक सप्ताह तक अलग-अलग कार्यक्रम तय किए गए हैं।

राज्य सरकार की प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश के सभी जिलों में भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन किए जाने को लेकर चर्चा की जाएगी। भूजल सप्ताह के तहत सभी जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों और ब्लॉक मुख्यालयों के साथ-साथ ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

ये कार्यक्रम होंगे

16 जुलाई- भूगर्भ जल विभाग द्वारा मुख्य सरकारी भवनों कलक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील एवं विकास खण्ड मुख्यालयों पर पोस्टर, होर्डिग, बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

17 जुलाई- प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी द्वारा वृहद पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी तहसील एवं विकास खण्ड मुख्यालयों पर भूजल गोष्ठी का आयोजन करेंगे। इसके साथ ही जिला विज्ञान क्लब एवं नेहरू युवा केन्द्र द्वारा कठपुतली, नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम किये जाएंगे।

18 जुलाई- कृषि विभाग द्वारा विकास खण्ड स्तर पर जागरूक किसानों एवं ग्राम प्रधानों के साथ स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई एवं भूगर्भ जल के विवेकपूर्ण उपयोग के संबंध में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।

19 जुलाई- माध्यमिक विद्यालयों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा

20 जुलाई- प्राइमरी विद्यालयों में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा तथा महाविद्यालयों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा भूजल संरक्षण पर भाषण, चित्रकला, स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाएगा।

22 जुलाई-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय भूजल संरक्षण गोष्ठी का आयोजन होगा। इसके अलावा भूगर्भ जल रिचार्ज के लिए जनपद के शहरी क्षेत्रों में रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को क्रियाशील के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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