लखनऊ: राजभवन के सामने गार्ड की गोली मारकर हत्या और लूट का मामला उजागर हुआ है। वहीं, वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरे के पुलिस को अहम सुराग भी मिले हैं। लखनऊ पुलिस के शक की सुई शातिर लुटेरे अविनाश त्रिपाठी के करीबी साथी पर घूम रही है।
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बता दें, लखनऊ पुलिस के मोस्ट वांटेड लुटेरों की फेहरिस्त में अविनाश त्रिपाठी का करीबी लुटेरा शामिल है, जोकि कभी गोमती नगर पुलिस का ढाई हजार का इनामी रहा है। संजय यादव उर्फ संजय बलवंत पहले लखनऊ कोर्ट परिसर से पुलिस की हिरासत से फरार है। मगर अब वो पुलिस की रडार पर आया है।
ऐसे में गार्ड की हत्या के मामले में जारी किए गए स्केच को देखने के बाद पुलिस के शक की सुई संजय यादव पर टिकी हुई हैं। सीतापुर का शातिर लुटेरा सतीश मिश्रा पुलिस के भी रडार पर है। बता दें, जब लखनऊ के कोर्ट परिसर से सतीश मिश्रा की कस्टडी से फरार हुआ था।
वहीं, राजभवन के सामने हुई वारदात की बात करें तो मामले को अंजाम देने के बाद लुटेरा हजरतगंज के दूसरे चौराहे से निकल भागा। लखनऊ पुलिस चौराहों पर करती रही चेकिंग लेकिन लुटेरा हजरतगंज की तंग गलियों से फरार हो गया। दरअसल, लूटेरे इस थ्योरी को बखूबी जानता था कि जहां वारदात होगी वहां की पुलिस घटनास्थल पर होगी। ऐसे में उसने अपने काम को अंजाम दिया।
गोल्फ लिंक चौराहे के बाद लखनऊ पुलिस को मिला 1090 चौराहे पर लुटेरे का सीसीटीवी नहीं मिला। गोल्फ लिंक चौराहे से सिविल अस्पताल की तरफ संदिग्ध लुटेरा जाते देखा गया।