Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मामले पर फैसला हिंदू पक्ष में, कोर्ट ने कहा- श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक
Gyanvapi Case : ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के मामले में जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया है।
Gyanvapi Case : ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के मामले में जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया है। जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है और कहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस सुनवाई के योग्य है। इस मामले में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी। अदालत की ओर से अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तारीख तय की गई है।
इस फैसले के मद्देनजर वाराणसी में चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कचहरी परिसर में आने वालों की गहन चेकिंग की गई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट था और वाराणसी में धारा 144 पहले ही लागू कर दी गई थी। आपको बता दें, पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील पेश की थी। जिला जज अजय कृष्ण (District Judge Ajay Krishna) ने 24 अगस्त 2022 को इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा था।
क्या कहा कोर्ट ने?
आज कोर्ट ने कहा, 'वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह )Rakhi Singh) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, उपरोक्त मुकदमा अदालत में चलने योग्य है। यह निर्धारित करते हुए, प्रतिवादी संख्या- 4 अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी द्वारा दिये गये 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।' इसके अलावा, अदालत ने कहा, कि 'अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 सितंबर 2022 को होगी। कोर्ट ने फैसले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। कहा जा रहा है कि, मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट जाएगा।
हिंदू पक्ष के हक में आया फैसला
अदालत ने श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) में 'पूजा के अधिकार' की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है। हिंदू पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। जबकि, मुस्लिम पक्ष ने अदालत में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है।
विष्णु शंकर जैन- ये हिंदू समुदाय की जीत
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, 'कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है। मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया गया है। अदालत ने कहा, कि याचिका सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, ये हिंदू पक्ष की जीत है। आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। इस मौके पर याचिकाकर्ता मंजू व्यास बोलीं, 'आज पूरा भारत खुश है। मेरे हिंदू भाई-बहनों को जश्न मनाने के लिए दिए जलाने चाहिए।
कचहरी परिसर में जश्न, हर-हर महादेव के नारे
कचहरी परिसर में फैसले की जानकारी मिलते ही जश्न का दौर शुरू हो गया। दरअसल इस फैसले को हिंदू पक्ष की बड़ी जीत माना जा रहा है। श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर करने वाली महिलाएं इस फैसले से झूम उठीं। कचहरी परिसर में मौजूद महिलाओं और अन्य लोगों ने हर हर महादेव के नारे लगाने शुरू कर दिए। मीडिया से बातचीत के दौरान इन महिलाओं ने कहा कि इस फैसले से केवल काशी ही नहीं बल्कि पूरे देश में खुशी का माहौल है। फैसले की जानकारी होते ही कचहरी परिसर में मिठाई बांटने का दौर भी शुरू हो गया।
मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ
जिला जज की अदालत के फैसले पर टिप्पणी करते हुए हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि अब ज्ञानवापी में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। हरिशंकर जैन ने कहा कि जिला जज की अदालत के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकता है मगर हम भी उच्च अदालतों में पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे और इस आदेश को स्टे नहीं होने देंगे। हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई है और जिला जज के फैसले को हिंदू पक्ष के दावों की बड़ी जीत माना जा सकता है।
दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि फैसले के कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष से जुड़े लोगों का कहना है कि जिला जज के इस फैसले के खिलाफ ऊंची अदालतों का दरवाजा खटखटाया जाना तय है।
याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य- 'यह हिंदू समुदाय की जीत'
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य (Petitioner Sohan Lal Arya) ने कहा, 'यह हिंदू समुदाय की जीत है। अदालत की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। इस दौरान उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।'
कोर्ट के फैसले पर हिंदुओं में खुशी, जश्न का माहौल
अदालत द्वारा हिंदू पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद इलाके में खुशी की लहर है। हिंदुओं का कहना है कि, आज का दिन ऐतिहासिक रहा। इसका लंबे समय से इंतजार था।
कोर्ट रूम में मौजूद हैं सभी पक्षकार
याचिकाकर्ता मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी तथा रेखा पाठक इस वक्त कोर्ट रूम में मौजूद हैं। कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह (Court Commissioner Vishal Singh) भी अदालत में ही हैं। वकील विष्णु जैन (Advocate Vishnu Jain) और हरिशंकर जैन (Harishankar Jain) भी कोर्ट में मौजूद हैं।
वाराणसी से लखनऊ तक अलर्ट जारी
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट के आदेश के मद्देनजर वाराणसी से लखनऊ तक अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ के चौक-चौराहे से लेकर नखास तक पुलिस कमिश्नर ने पैदल मार्च किया। सुरक्षा-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए पुलिस कमिश्नर ने पैदल मार्च किया। लखनऊ में ड्रोन से कई इलाकों में नजर रखी जा रही है।
पीलीभीत : ज्ञानवापी मामले में फैसले से पहले सुरक्षा- व्यवस्था बढ़ाई
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले से पहले पीलीभीत जिले में सुरक्षा बढ़ाई गई है। डीएम पुलकित खरे (DM Pulkit Khare) और एसपी दिनेश कुमार प्रभु (SP Dinesh Kumar Prabhu) ने खुद ही सुरक्षा व्यवस्था की कमान थामी। भारी पुलिस बल के साथ डीएम-एसपी ने फ्लैग मार्च शुरू किया। जिले के सभी अधिकारी फ्लैग मार्च में हुए शामिल। आपको बता दें कि, सभी मिश्रित आबादी वाले इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया। जिले में सेक्टर व्यवस्था लागू की गई। सुरक्षा के लिहाज से जिले को कई सेक्टरों में बांटा गया है।
रिपोर्ट:- प्रांजल गुप्ता
क्या है मामला?
आपको बता दें कि, अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर (Ravi Kumar Diwakar) ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया था। बता दें कि, हिंदू पक्ष का दावा था कि, सर्वे के दौरान शिवलिंग मिली है। जबकि मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि यह एक फव्वारा है। जिसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी।
मामले में अब तक
हिन्दू पक्ष की मांग पर सेशन कोर्ट (sessions court) ने इसे जगह को सील करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया था। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को जिला जज को ट्रांसफर किया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि, वजू की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, शिवलिंग के पास का हिस्सा सील रहेगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट जज अजय कृष्ण ने सुनवाई की थी। 24 अगस्त को उन्होंने इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।