Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिला या फव्वारा, रिपोर्ट ने खोला बड़ा राज
Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा किया गया है।
Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में 14 से 16 मई तक चली इस सर्वे की कार्यवाही की रिपोर्ट वाराणसी सिविल कोर्ट (Varanasi Civil Court) में दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह (Court Commissioner Vishal Singh) की ओर से दाखिल की गई इस रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट में सबसे अहम बात उस पत्थर के बारे में बताई गई है जिसके संबंध में हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग (Shivling) होने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष लोगों को गुमराह करने में जुटा हुआ है क्योंकि यह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा (Not Shivling but fountain) है। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में मुस्लिम पक्ष के इस दावे की हवा निकलती दिख रही है।
शिवलिंग जैसी गोलाकार आकृति मिली
कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह की ओर से कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि वजूखाने में पानी कम किए जाने पर शिवलिंग जैसी गोलाकार आकृति दिखाई दी। ढाई फीट ऊंची इस गोलाकार आकृति के ऊपर अलग से सफेद पत्थर लगाया गया है। इसके बीच में करीब आधे इंच का छेद है और सींक डालने पर इसकी गहराई करीब 63 सेंटीमीटर मिली। हिंदू पक्ष की ओर से इसी पत्थर के शिवलिंग होने का बड़ा दावा किया जा रहा है। दूसरी और मुस्लिम पक्ष इस बात को मानने को तैयार नहीं है और वह इससे वजूखाने में लगा फव्वारा बता रहा है।
मस्जिद कमेटी नहीं चला सकी फव्वारा
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब हिंदू पक्षों ने इस फव्वारे को चलाने के लिए कहा तो मुस्लिम पक्ष ने हाथ खड़े कर दिए। मस्जिद कमेटी के मुंशी ने फव्वारे को चलाने में पूरी तरह असमर्थता जता दी। फव्वारे के बाबत सवाल पूछे जाने पर भी मस्जिद कमेटी की ओर से कोई सटीक जवाब नहीं मिला। कभी बताया गया कि यह फव्वारा 20 साल से बंद पड़ा है तो कभी इसके 12 साल से बंद होने की बात बताई गई। रिपोर्ट में सबसे उल्लेखनीय बात यह भी बताई गई है कि फव्वारे में पाइप जाने की कोई जगह ही नहीं मिली।
दक्षिणी खंभे पर मिला स्वास्तिक निशान
रिपोर्ट में मस्जिद के भीतर घंटी, पान, हाथी के सूंड़ और त्रिशूल आदि के निशान मिलने का जिक्र भी किया गया है। इसके साथ ही स्वास्तिक का निशान मिलने की बात भी बताई गई है। स्वास्तिक का निशान मस्जिद में मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर मिला है। तहखाने के चार दरवाजों को नई ईंटें लगाकर बंद करने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के पहले गेट के पास से डमरू के तीन निशान मिले हैं। रिपोर्ट में 3 फीट गहरा कुंड मिलने और कुंड के चारों ओर 30 टोटियां लगे होने की बात बताई गई है। कुंड के बीच में 6 फीट गहरा कुआं मिला जिसके बीचों बीच एक पत्थरनुमा आकृति मिली है।
आगे भी सर्वे जारी रखने का अनुरोध
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में कई और बातों का भी उल्लेख किया गया है रिपोर्ट में बताया गया है कि बाहर विराजमान नंदी और अंदर मिले कुंड के बीच की दूरी 83 फुट 3 इंच है। इसी कुंड के बीचो-बीच स्थित पत्थर के शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है। पत्थर की इस गोलाकार आकृति के बेस का व्यास करीब 4 फीट नापा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद के भीतर मिली कलाकृतियां प्राचीन भारतीय मंदिर शैली के अनुरूप दिखती हैं। कुछ कलाकृतियों के टूटने का भी जिक्र किया गया है। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है है कि अभी भी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा नहीं किया जा सका है। इसलिए आगे भी सर्वे की कार्यवाही की जानी चाहिए। इस संबंध में इतिहासकारों और विषय विशेषज्ञों की मदद लेने का अनुरोध भी रिपोर्ट में किया गया है।