हाईकोर्ट: प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की मानीटरिंग की क्या है योजना ?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को दिये जा रहे प्री मैट्रिक स्कालरशिप के मानीटरिंग की प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से हलफनामा मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को दिये जा रहे प्री मैट्रिक स्कालरशिप के मानीटरिंग की प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से हलफनामा मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वह अपने इस नीति को लेकर व्यक्तिगत हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल करें। यही नहीं कोर्ट ने महानिदेशक आर्थिक अपराध शाखा से भी हलफनामा मांगा है कि वे बताये कि मेरठ में 2014व उसके पहले प्री मैट्रिक स्कालरशिप में हुए पैसों के घोटाले की जांच कर रहे अपराध शाखा ने अभी तक जांच पूरी क्यों नहीं की गई।
यह आदेश न्यायालय ने अल खिदमत फाउण्डेशन व अन्य की जनहित याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने अपने विभाग के दोनों शीर्ष अधिकारियों से हर हाल में 19 मार्च से पहले हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट इस जनहित याचिका पर 19 मार्च को फिर सुनवाई करेगी। मामले के अनुसार याचिका में कहा गया है कि मेरठ में प्री मैट्रिक स्कालरशिप के वितरण में व्यापक धांधली की गयी है। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है परन्तु अभी तक कई वर्ष बीतने के बाद भी जांच