हापुड़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा एनसीआर में कूड़ा जलाने पर बेशक प्रतिबंध लगा दिया गया हो, लेकिन इन आदेशों का अधिकांश जगहों पर पालन नहीं किया जा रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनपद हापुड़ के रेलवे अधिकारियों ने मालगोदाम और ट्रैक के आसपास पड़े कूड़े को जला दिया। परिणामस्वरूप इस कूड़े में पड़े प्लास्टिक और थर्माकोल के कचरे से उठे जहरीले धुंए से आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की सांस फूल गई।
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इस पूरे मामले में अधिकारियों ने जांच करने की बात कही है, एनसीआर में वायु प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है, इस प्रदूषण को लेकर पिछले दिनों एनजीटी की ओर से गाइडलाइन जारी की गई थी। इसमें निर्देश दिया गया था कि कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। ताकि वायु प्रदूषण पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सके। इसके बाद विभिन्न विभाग की ओर से कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध भी लगाया गया और जुर्माना का प्रावधान किया गया।
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आपको बता दें कि आदेशों की स्थानीय रेलवे स्टेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही धज्जियां उड़ा दी है, क्योंकि रेलवे अधिकारियों मालगोदाम के आसपास से गुजर रहे रेलवे यार्ड में फेंके गए कूड़े को जला दिया। इसके अलावा लाइन पार के क्षेत्र में भी कूड़ा जला दिया गया। इसलिए थोड़ी ही देर में जहरीले धुंए से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सांस फूलने लगी।
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इस बात की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को मिली तो आनन फानन में कूड़े पर पानी मिट्टी डालकर धुंए का गुब्बार कम कराया गया। इस मामले की जानकारी मुरादाबाद रेल मंडल के प्रबंधक एके सिंघल को मिली तो उन्होंने बताया कि इस प्रकार कूड़ा जलाना बेहद गंभीर मामला है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।