Hapur News: फर्जी दस्तावेज पर अल्ट्रासाउंड सेंटर खुलवाने में आखिर किसका हाथ, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

Hapur News: जनपद में चार अल्ट्रासाउंड सेंटर मेरठ की डा. उर्वसी सागर (एमबीबीएस, एमडी) के नाम पर चल रहे हैं। इस मामले को लेकर शिकायत भी की गई है। मामले में जांच जारी है।

Report :  Avnish Pal
Update:2024-10-10 12:49 IST

Hapur News (Pic: Newstrack)

Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ के मेरठ जनपद की डॉक्टर के नाम पर जनपद में चार अल्ट्रासाउंड सेंटर्स का संचालन हो रहा है और इसके बारे में स्वयं डॉक्टर को ही इसकी जानकारी नहीं थी। इस जानकरी से हर कोई हैरान है। वह डॉक्टर भी हैरान रह गई थीं, जिस समय उन्होंने रजिस्ट्रेशन की आनलाइन वेबसाइट पर देखा कि उसके नाम पर हापुड़ में भी सेंटर्स का संचालन हो रहा है। हालांकि यह देखते ही चिकित्सक ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सूचना दे दी थी, लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही की और उन्होंने कार्रवाई न करते हुए बात को हवा में उड़ा दिया। जिसके बाद मेरठ की डॉक्टर ने जिलाधिकारी कार्यालय में और संबंधित थानों में उनके खिलाफ शिकायती पत्र दिया। तब जाकर सेंटर्स पर कार्रवाई की गई है।

यह है पूरा प्रकरण

दरअसल, जनपद में चार अल्ट्रासाउंड सेंटर मेरठ की डा. उर्वसी सागर (एमबीबीएस, एमडी) के नाम पर चल रहे हैं। इनमें एक गढ़मुक्तेश्वर में सहारा अल्ट्रासाउंड सेंटर और दूसरा सिंभावली में न्यू पब्लिक अल्ट्रासाउंड सेंटर के नाम से चल रहा था। वहीं एक धौलाना में और एक बाबूगढ़-किठौर मार्ग पर चलाया जा रहा था। इन चारों सेंटर का संचालन गढ़मुक्तेश्वर का रहने वाला अशजद खान करा रहा था। इसमें बड़ी बात यह है कि इन चारों ही अल्ट्रासाउंड सेंटर्स होने के संबंध में स्वयं डॉक्टर को ही नहीं थी। इससे भी बड़ी बात अल्ट्रासाउंड सेंटर्स का संचालक और डॉक्टर की आज तक मुलाकात तक नहीं हुई है।

खोले गए फर्जी सेंटर्स

हुआ यह कि मेरठ से डॉक्टर के कागजात चोरी कराकर जनपद में यह फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर्स खोले गए। आरोपी मेरठ के ही चिकित्सक से मिलते-जुलते हस्ताक्षर करके अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट भी जारी करते रहे। सीएमओ कार्यालय में इसकी शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। इस पर डॉक्टर ने डीएम से मुलाकात की। डीएम की नाराजगी के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने दो सेंटर को सीज कर दिया था। अब इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद इसमें बड़ा रैकेट सामने आ सकता है। इस कार्य को कराने में किस-किसका हाथ रहा है, इसके बारे में भी पता चल सकेगा।

जांच में ना हो जाए घपला

मामले की जांच कराने के लिए अधिकारियों ने अपने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ही चयनित किया है। मेरठ की डॉक्टर को यह डर सता रहा है कि मामले की जांच कर रहे अधिकारी कहीं जांच करने में किसी प्रकार का घपला न कर दें। क्योंकि पहले भी इस प्रकार के कई बार मामले हो चुके हैं। हाल ही में कोठी गेट स्थित पीपीसी में तैनात फार्मासिस्ट द्वारा एक्सपायरी दवाई का वितरण किया जा रहा था। इस मामले को खुले हुए करीब छह माह हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मामले की न तो जांच पूरी हो सकी है और न ही इसमें कोई कार्रवाई हुई है। इस प्रकार की विभाग में कई जांच बीच में ही अटकी हुई हैं।

जांच के बाद अवश्य की जाएगी कार्रवाई

सीएमओ सुनील त्यागी का कहना है कि मामले की फिलहाल टीम द्वारा मामले की पूरी जांच की जा रही है। टीम के सामने कई महत्वपूर्ण तथ्य भी सामने आए हैं। जल्द ही मामले की जांच पूरी हो जाएगी, जिसके बाद अवश्यक ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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