Hapur News: नारकोटिक्स की दवाओं पर शिकंजा कसने की कवायद, मेडिकल स्टोरों पर की जाएगी अब ऐसे निगरानी
Hapur News: हापुड़ जनपद में अब दवाइयां ‘तीसरी आंख’ की निगरानी में बिकेंगी। औषधि विभाग सभी मेडिकल स्टोर्स पर कैमरे लगवाने की तैयारी में है। नशे पर रोक लगाने के लिए जनपद में नई पहल की जा ही है।
Hapur News: हापुड़ जनपद में अब दवाइयां ‘तीसरी आंख’ की निगरानी में बिकेंगी। औषधि विभाग सभी मेडिकल स्टोर्स पर कैमरे लगवाने की तैयारी में है। नशे पर रोक लगाने के लिए जनपद में नई पहल की जा ही है। कुछ मेडिकल स्टोर संचालक धड़ल्ले से नशीली दवाइयां बेच रहे हैं। जिसके कारण युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में मेडिकल स्टोरों पर निगरानी की व्यवस्था बनाई जा रही है।
जनपद में हैं इतने मेडिकल स्टोर्स
औषधि विभाग के मुताबिक जनपद में करीब 1200 मेडिकल स्टोर संचालित हैं। इनमें 800 रिटेल मेडिकल स्टोर हैं, जबकि करीब 400 होलसेल मेडिकल स्टोर हैं। इनमें से ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इसका फायदा नशे की दवाइयां बेचने में हो रहा है। कुछ मेडिकल स्टोरो पर नशीली दवाइयां बिना डॉक्टरों के परामर्श के दी जा रही हैं। इसे रोकने के लिए ‘नया सवेरा’ अभियान भी चलाया गया था। इसी कड़ी में अब पुलिस, प्रशासन के साथ मिलकर औषधि विभाग मेडिकल स्टोरां पर कैमरे लगवाने की तैयारी कर रहा है। औषधि विभाग द्वारा नशीली दवाई बेचने के मामले में कई मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई की गई है। शहरी क्षेत्र में अधिकांश स्टोर्स पर कैमरे नहीं लगाए गए हैं, उनकी जांच कर वैधानिक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। शेष सभी दुकानों पर कैमरों को लगाने का आदेश किया गया है।
दुकानों पर जल्द से जल्द कैमरे लगवाने के निर्देश
इस सबंध में जिला औषधि निरीक्षक उर्मिला अग्रवाल ने बताया कि जनपद में जिस भी मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाइयां बेची जा रही हैं, इसे रोकने के लिए सभी मेडकिल स्टोर संचालकों से कैमरे लगवाने के लिए कहा जा रहा है। नया सवेरा अभियान को आगे बढ़ाने के लिए यह नया कदम उठाया गया है। ज्यादातर होलसेल मेडिकल स्टोर्स पर कैमरे लगे हैं। जहां भी कैमरे नहीं लगाए गए है, वहां पर कैमरों को लगवाया जाएगा।
क्या होती हैं नारकोटिक्स की दवाएं
डॉक्टरों द्वारा नींद, डिप्रेशन और कुछ शारीरिक व मानसिक व्याधियों को दूर करने के लिए नारकोटिक्स की मामूली पावर की दवाएं कुछ दिनों के लिए मरीजों को लिखी जा सकती हैं। लेकिन शरारती तत्व इन्हीं दवाओं की एक्स्ट्रा डोज लेकर उसका उपयोग नशे के लिए करने लगते हैं। प्रशासन की इस कवायद के बाद अब मेडिकल स्टोरों के लिए इस तरह की दवाई को बिना डॉक्टर के पर्चे के बेचना आसान नहीं होगा।