Hapur News: जांच के बाद भी नहीं हुआ कोई खुलासा, 84 गांवों को मिलाकर बनाना था ग्रेनो-2 एक्सटेंशन सिटी
Hapur News: मामला क्षेत्रीय विधायक धर्मेश तोमर ने पुरजोर तरीके से उठाया। वह जिलाधिकारी से भी कई बार इसकी शिकायत कर चुके, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की धौलाना तहसील में करोड़ों रुपये के भूमि श्रेणी परिवर्तन घोटाले से पर्दा नहीं उठ पा रहा है। शासन द्वारा गठित की गई टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट कमिश्नर के माध्यम से लखनऊ भेज दी है। जांच टीम के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट 25 अगस्त को मेरठ मंडलायुक्त को सौंप दी थी। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपना नया सेक्टर तैयार कर रहा है। इसको ग्रेनो-2 एक्सटेंशन नाम दिया गया है। इसमें हापुड़ जिले की धौलाना तहसील के भी 84 गांवों को शामिल किया गया है।
बिल्डर-प्रापर्टी डीलरों ने खरीदी जमीन
पिछले दिनों धौलाना क्षेत्र में किसानों की जमीन को बड़े स्तर पर बिल्डर-प्रापर्टी डीलर ने खरीद लिया। उसके बाद तहसील के अधिकारियों से मिलकर धड़ल्ले से जमीन की श्रेणी को धारा-80 के तहत बदल दिया गया। इससे जमीन का सर्किल रेट मौजूदा से तीन-चार गुना हो गया। जमीन की श्रेणी बदलने से पहले नियमानुसार नोएडा विकास प्राधिकरण की एनओसी ली जानी थी। इसके लिए 45 दिन का समय होता है। प्राधिकरण के अधिकारियों का आरोप है कि तहसील प्रशासन ने जान-बूझकर एनओसी की जानकारी लेने के लिए सूचना देरी से भेजी। इस मामले में एसडीएम और तहसीलदार पर करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला करने और आपत्तियों को दरकिनार करने का आरोप लगा है।
सीएम के सामने पहुंचा था मामला
यह मामला क्षेत्रीय विधायक धर्मेश तोमर ने पुरजोर तरीके से उठाया। वह जिलाधिकारी से भी कई बार इसकी शिकायत कर चुके, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। तब उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उसके साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल गहलौत ने इसकी शिकायत शासन को भेजी। उसके चलते तीन जांच कमेटी बनाई गईं। जिला स्तरीय कमेटी में जांच एडीएम न्यायिक ने की। मंडल स्तरीय कमेटी में जांच तीन सदस्यीय अपर मंडलायुक्त व एडीएम की टीम ने की, वहीं शासन स्तर से इस मामले की जांच राजस्व सचिव के निर्देशन में की गई।
11 बिंदुओं पर की गई जाँच
तीनों टीम ने शिकायतकर्ताओं द्वारा उठाए गए 11 बिंदुओं पर जांच शुरू की। इस मामले में ग्रेटर नोएडा अथारटी ने भी एसडीएम व तहसीलदार को दोषी ठहराते हुए अपना पक्ष रखा। तीनों जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी। विभागीय सूत्रों की माने तो इस मामले में कई बिंदुओं पर जिले व तहसील के अधिकारी घेरे में हैं। दर्जनों ऐसे मामले हैं, जिनमें कार्रवाई करने के बाद एसडीएम ने खुद ही उसको निरस्त भी कर दिया है। जबकि नियमानुसार उसको निरस्त करने का अधिकारी डीएम या कमिश्नर स्तर के उच्चाधिकारी को ही है। वहीं ग्रेटर नोएडा अथारटी की आपत्तियों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया।
जांच के बाद नहीं आई रिपोर्ट
शासन को जांच टीम की रिपोर्ट 25 अगस्त को भेज दी गई। धौलाना विधायक धर्मेश तोमर ने बताया कि जांच रिपोर्ट जाने के बाद एक सप्ताह में परिणाम आनलाइन हो जाना चाहिए था। अब लगभग 27 दिन हो जाने के बाद भी इस मामले में कोई अपडेट नहीं है। वहीं आरोपी कह रहे हैं कि मामले में कुछ होने वाला नहीं है। इससे जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होना मुश्किल नजर आ रहा है। इस मामले में अब फिर से मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। वहीं शिकायतकर्ता अधिवक्ता राहुल गहलोत इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा चुके हैं। जल्द निर्णय नहीं आने की स्थिति में क्षेत्र के सैकड़ों किसान और ग्रेनो अथारटी के अधिकारी परेशान हैं।
जिन पर है आरोप उनका क्या है कहना
धौलाना के तत्कालीन तहसीलदार प्रवीण कुमार ने कहा की पूरा मामला आइने की तरह साफ है। इसमें कोई कार्रवाई नहीं होनी है। शासन को सारी जानकारी दी जा चुकी है। हमको बेवजह घेरा जा रहा है। कोई नियमविरुद्ध कार्य मेरे स्तर से नहीं किया गया है। हमने जांच टीम को भी वास्तविक तथ्यों से अवगत करा दिया है।