Hapur: गुरु पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गंगा मैया के उद्घोषों से गूंज उठे घाट

Hapur: ब्रजघाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सादा कपड़ों में पुलिस कर्मी तैनात रहे।

Report :  Avnish Pal
Update:2024-07-21 12:38 IST

गुरु पूर्णिमा पर गंगा मैया के उद्घोषों से गूंज उठे घाट (न्यूजट्रैक)

Hapur News: जनपद के गढ़मुक्तेश्वर तीर्थ नगरी के ब्रजघाट गंगा घाट पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर गंगा मैया के जयकारों से तीर्थ नगरी गूंज उठी। परिवार के साथ आए श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान और दाम आदि कर पुण्य लाभ कमाया। घाट पर भंडारों और यज्ञ का आयोजन भी किया गया। शनिवार की शाम से ही श्रद्धालु ब्रजघाट गंगा पर पहुंचने शुरू हो गए थे और रविवार भोर के 4 बजे तक ब्रजघाट गंगा तट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया।

भोर से ही शुरू हो गया था गंगा स्नान

दरअसल भोर काल में स्नान प्रारभ होते ही घाटों पर श्रदालु उमड़ पड़े। स्नान के दौरान हर हर महादेव, जय माँ गंगे के जयकारों से गूंज उठा। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाटों पर पूजा कर पुरोहितों को दान दक्षिणी दी और पुण्य लाभ कमाया।

पुलिस के रहे पुख्ता इंतजाम

ब्रजघाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सादा कपड़ों में पुलिस कर्मी तैनात रहे। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बरसात से गंगा का जल स्तर बढ़ा हुआ था, इसलिए पानी की गहराई अधिक होने के स्थान पर खतरे का निशान लगाते हुए बैरीकेडिंग की गई। इससे आगे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए नहीं जाने दिया गया। इस दौरान गंगा तट पर मेले का आयोजन भी किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्योदय के साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया और उपासना की गई।

विभिन्न राज्यों सहित जनपदों से पहुँचे श्रद्धालु

जबकि बृजघाट में श्रद्धालु दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि नगरों से पहुंचे। जहां उन्होंने गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया। उधर गुरु पूर्णिमा के मौके पर सुबह से ही भारी संख्या में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन भी सत रहा। स्नान के दौरान महिला पुलिस कर्मी और सादे भेश में पुलिस कर्मी घाटों पर संदिग्ध लोगों पर नजर रखे हुए थे।

गुरु पूर्णिमा का महत्व और शास्त्रों में गुरु का अर्थ

गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत खास होता है। पंचांग के अनुसार यह तिथि आषाढ़ पूर्णिमा होती है। मान्यता है कि इस दिन हिंदू धर्मग्रंथ महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास ने चारों वेदों का ज्ञान दिया और पुराणों की रचना की। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में गुरु शब्द का अर्थ बताया गया है। गुरु दो अक्षरों से मिलकर बना हैः ’गु’ का अर्थ अंधकार से है और ’रु’ का अर्थ उसे हटाने वाले से। अर्थात, जो अज्ञानता के अंधकार से हटाकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए, वही सच्चा गुरु है।

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