एडवोकेट की रेल हादसे में मौत, बार एसोसिएशन ने CM योगी से की मदद की अपील

बार एसोसिएशन लखनऊ ने योगी सरकार ने हरदोई के मृतक अधिवक्ता के परिजनों की आर्थिक मदद करने और मौत के मामले की तत्काल जांच कराने का अनुरोध किया है।

Update: 2021-01-18 17:31 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीती 5 जनवरी को सेंट्रल बार एसोसिएशन के सदस्य सर्वेन्द्र मौर्य की रेल दुर्घटना में मौत हो गयी थी। जिसे लेकर बार एसोसिएशन ने योगी सरकार ने मृतक अधिवक्ता के परिजनों की आर्थिक मदद करने और इस मामले की तत्काल जांच कराने का अनुरोध किया था। हालंकि अब तक मामले में कोई कार्रवाई न होने के बाद आज बार एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक कर अपनी मांगों को पुनः दोहराया और ये फैसला लिया कि अगर उनकी मांग पूरी न हुई तो उन्हें कोई ठोस कदम उठाना होगा।

5 जनवरी को बार एसोसिएशन सदस्य सर्वेन्द्र मौर्य की रेल हादसे में मौत

दरअसल, मामला हरदोई के बेनीगंज क्षेत्र की परतला का है, जहां के निवासी सर्वेन्द्र मौर्य पुत्र झाउलाल मौर्य पेशे से अधिवक्ता थे। बीते 5 जनवरी को उनकी रेल हादसे में मौत हो गयी थी। इस बारे में गोमतीनगर थाना विभूतिखंड प्रभारी ने जानकारी दी थी। जिसके बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन के सदस्यों ने सर्वेंद्र की मौत पर शोक जताते हुए उनके परिजनों की आर्थिक मदद का फैसला लिया।

अधिवक्ताओं ने सीएम योगी से मृतक अधिवक्ता के परिवार के लिए मांगी आर्थिक मदद

इस बाबत 6 जनवरी को बार एसोसिएशन लखनऊ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पत्र लिख, मृतक अधिवक्ता के परिवार की आर्थिक मदद करने का अनुरोध किया। वहीं उनकी मौत की त्वरित और उचित जांच कार्रवाई करवाने की भी मांग की। हालंकि दस दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद भी मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होने से अधिवक्ताओं में आक्रोश है।

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मांग पूरी न होने पर अधिवक्ता आंदोलन की चेतावनी

इस बाबत सोमवार को लखनऊ के सेंट्रल बार एसोसिएशन सभागार में आदेश कुमार सिंह की अध्यक्षता और महासचिव संजीव पांडे के संचालन में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी शासन से इस संदर्भ में अधिवक्ता के परिवार को सरकारी आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने और दुर्घटना की जांच करवाए जाने की मांग की जायेगी। वहीं आज इस संदर्भ में अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र के जरिए अपनी सभी मांगों को पूरा किए जाने की अपील की। वहीं कोई कार्रवाई न होने पर और मांग को पूरा न किये जाने पर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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