Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को केंद्र से मिला IPR चेयर, रिसर्च और स्टार्टअप्स को मिलेगा तगड़ा बूस्ट
Meerut News: इस योजना से छात्रों को IPR के तकनीकी पहलुओं की जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपने इनोवेशन को पेटेंट करवा सकेंगे। रिसर्च में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगा। फेलोशिप, प्रोजेक्ट्स और विशेषज्ञों से गाइडेंस—सब कुछ अब मेरठ में ही मिलेगा।;
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को केंद्र से मिला IPR चेयर (photo: social media )
Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अब इनोवेशन की नई क्रांति आने वाली है। केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) चेयर की सौगात दी है। यह चेयर मिलने के बाद न सिर्फ पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट जैसे विषयों पर छात्रों की पकड़ मजबूत होगी, बल्कि रिसर्च और स्टार्टअप्स को भी नई रफ्तार मिलेगी।
अब मेरठ में भी तैयार होंगे पेटेंट होल्डर!
SPRIHA योजना के तहत यह चेयर स्थापित की गई है। योजना के अनुसार:
IPR चेयर प्रोफेसर को ₹1 लाख प्रतिमाह की तनख्वाह दी जाएगी।
दो रिसर्च असिस्टेंट मिलेंगे जिन्हें ₹50,000 तक मानदेय मिलेगा। एक पीएच.डी. फेलोशिप भी दी जाएगी।
हर साल ₹5 लाख तक की ग्रांट मिलेगी जिससे किताबें, सेमिनार, ट्रेनिंग और वर्कशॉप्स करवाई जाएंगी।
कॉलेज नहीं, अब बनेगा ‘क्रिएटिविटी का कैंपस’
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस मौके पर कहा, “यह चेयर हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर पर सोचने और क्रिएटिव बनने की दिशा में प्रेरित करेगी। पेटेंटिंग प्रक्रिया, आइडिया की सुरक्षा और नवाचार को अब संस्थागत सपोर्ट मिलेगा।”
छात्रों के लिए अब रिसर्च और स्टार्टअप का सपना होगा हकीकत
इस योजना से छात्रों को IPR के तकनीकी पहलुओं की जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपने इनोवेशन को पेटेंट करवा सकेंगे। रिसर्च में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगा। फेलोशिप, प्रोजेक्ट्स और विशेषज्ञों से गाइडेंस—सब कुछ अब मेरठ में ही मिलेगा।
SPRIHA योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की योजना है जो देश के विश्वविद्यालयों में बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर जागरूकता और शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इसका मकसद है:
IPR की पढ़ाई को शिक्षा संस्थानों में शामिल करना।
ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर IPR नॉलेज बैंक बनाना।
देश-विदेश के संस्थानों के साथ साझा शोध और व्याख्यान आयोजित करना।
इनोवेशन को ज़मीन पर उतारने में छात्रों की मदद करना।
विश्वविद्यालय अधिकारियों का कहना
अब मेरठ के छात्रों को अपने इनोवेशन को पेटेंट करवाने के लिए दिल्ली या मुंबई भागने की जरूरत नहीं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ही बन रहा है इनोवेशन और रिसर्च का नया हब।