Hardoi News: शव के साथ लूट मामले में फिर बैठी जाँच, स्वास्थ कर्मी ने लगाए थे गंभीर आरोप
Hardoi News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जिसमें उसके द्वारा सीएमओ को चैलेंज करते हुए पोस्टमार्टम हाउस के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराने की बात कही।
Hardoi News: महिला आरक्षी की बहन के शव के साथ हुई लूट का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। मामले में लगातार हलचल बनी हुई है। सीएमओ द्वारा गठित की गई टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर पोस्टमार्टम हाउस में तैनात दो स्वास्थ्य कर्मी रुपेश पटेल और वाहिद को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद इस प्रकरण में एक नया मोड़ आया जिसमें बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मी रुपेश पटेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जिसमें उसके द्वारा सीएमओ को चैलेंज करते हुए पोस्टमार्टम हाउस के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराने की बात कही। साथ ही सीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सीएमओ के आदेश पर मुख्य साजिशकर्ता पोस्टमार्टम हाउस में तैनात फार्मासिस्ट को बचाने का कार्य किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मी ने कहा था की जांच कमेटी द्वारा केवल उससे उसके कार्य के विषय में जानकारी ली गई और उसे वह एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी को दोषी ठहरा दिया गया, जबकि लूट का असली मास्टरमाइंड तो कोई और ही है। वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सीएमओ हरदोई डॉ रोहताश कुमार द्वारा आनंन-फानन में एक बार फिर दो सदस्य जांच कमेटी गठित कर दी और बुधवार शाम तक रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए। हालांकि बुधवार शाम तक सीएमओ के पटल पर रिपोर्ट नहीं पहुंची थी। इस विषय में सीएमओ ने कहा कि फार्मासिस्ट को बुलाया गया था बयान के लिए वह नहीं पहुँचा ,जिस वजह से रिपोर्ट अब तक नहीं आ पाई है।
कलेक्ट्रेट परिसर में घूमता नज़र आया फ़ार्मासिस्ट
सोशल मीडिया पर बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मी के वायरल हुए वीडियो के बाद दोबारा गठित हुई । जांच के बाद अंदेशा लगाया जा रहा है कि क्या किसी बड़े जिम्मेदार पर इस प्रकरण में गाज गिर सकती है। या एक बार फिर स्वास्थ्य महकमा किसी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर गाज गिराकर मामले में लीपा पोती करने का काम करेगा। स्वास्थ्य विभाग में पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि बड़ों को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराई गई है। उधर सीएमओ डॉक्टर रोहताश कुमार ने मामले में जांच के आदेश दिए। वहीं इस मामले में फँसा फार्मासिस्ट कलेक्ट्रेट परिसर में घूमता हुआ नजर आया । इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस प्रकरण से बचने के लिए फार्मासिस्ट कलेक्ट्रेट के अधिकारियों के साथ साथ साँठगाँठ कर अपने को बचाने का प्रयास कर रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सीएमओ डॉ रोहतास कुमार द्वारा गठित दो सदस्य टीम द्वारा कब तक इस मामले में कार्रवाई की जाती है और इस बार जाँच रिपोर्ट में किसी ज़िम्मेदार पर कार्यवाही होती है या फिर किसको बली का बकरा बनाया जाता है।