इतिहासकारों की टीम ने किया हस्तिनापुर उत्खनन स्थल का दौरा, भारत के इतिहास में नए आयाम जोड़ेंगे- अमित राय जैन

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ सर्किल के द्वारा हस्तिनापुर के पौराणिक इतिहास को दुनिया के सामने लाने के लिए 70 साल बाद पुरातात्विक उत्खनन का कार्य किया जा रहा है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-15 11:32 GMT

हस्तिनापुर उत्खनन स्थल का दौरा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ सर्किल के द्वारा हस्तिनापुर के पौराणिक इतिहास को दुनिया के सामने लाने के लिए 70 साल बाद पुरातात्विक उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। बागपत के बडौत में स्थित शहजाद राय शोध संस्थान के इतिहासकारों की टीम ने हस्तिनापुर जाकर उत्खनन स्थल का पुरातात्विक अध्ययन किया ।

संस्थान के निदेशक डॉ अमित राय जैन का कहना है कि यहां के अध्ययन से प्राप्त तथ्यों को एक जगह एकत्र कर हस्तिनापुर का नया इतिहास एक पुस्तक के रूप में सामने लाए जाने का प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है । यह पुस्तक वरिष्ठ इतिहासकार डॉ कृष्ण कांत शर्मा, डॉ अमित पाठक एवं वे स्वयं लिखेंगे ।

हस्तिनापुर का उत्खनन 1 माह से जारी

बता दे कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ गणनायक के नेतृत्व में भारतीय पुरातत्व संस्थान नोएडा के पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा हस्तिनापुर का उत्खनन पिछले करीब 1 माह से जारी है।

वहां का दौरा करके लौटे बडौत के शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित राय जैन ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्राचीन कुरु जनपद की राजधानी हस्तिनापुर रही है, जिसका हिस्सा बागपत स्थित बरनावा लाक्षागृह, बागपत इत्यादि क्षेत्र भी रहा है ।

हस्तिनापुर के पुरातात्विक उत्खनन से प्राप्त तथ्यों के कारण जनपद बागपत के भी प्राचीनतम इतिहास की जानकारी समग्र विश्व के सामने आएगी । हस्तिनापुर उत्खनन में अभी तक प्राचीन मानव बस्ती के सल्तनत, गुप्त, कुषाण एवं मौर्यकालीन स्तर तक की सभ्यता का पता चला है । अभी उत्खनन और अधिक गहराई तक जा रहा है ताकि हस्तिनापुर उत्खनन स्थल की सबसे प्राचीन सभ्यता की भी जानकारियां जुटाई जा सके ।

कुछ प्राचीन मानव बस्ती , जिसके अंतर्गत मकान, रसोई, चूल्हा इत्यादि के प्रमाण स्पष्ट रूप से मिल चुके हैं । शीघ्र ही हस्तिनापुर उत्खनन से प्राप्त अवशेष सारी दुनिया के सामने भारत की प्राचीन सभ्यता संस्कृति को उजागर करने का काम करेगा ।

इस हेतु सभी तथ्यों को एक जगह एकत्र कर एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किए जाने की योजना बनाई जा रही है, जिसके अंतर्गत हस्तिनापुर उत्खनन स्थल का पुरातात्विक अध्ययन करने हेतु दौरा किया गया है । इस दौरान वरिष्ठ इतिहासकार डॉ कृष्ण कांत शर्मा, डॉक्टर अमित पाठक एवं राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के अध्यक्ष पतरु मौर्य भी उनके साथ मौजूद रहे ।

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