हाथरस कांड: आम आदमी पार्टी के नेता सांसद संजय सिंह पहुंचे पीड़िता के घर

पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट सामने आ रही हैं। ख़ास बात ये हैं कि एक में पीड़िता के साथ रेप न होने तो दूसरे में रेप होने की बात कही गयी। ऐसे में दोनों में से सही रिपोर्ट कौन सी है, इसे लेकर भी शंका है।

Update:2020-10-05 12:39 IST

लखनऊ: हाथरस काण्ड में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मामले में कई तरह के दावे किये जा रहे हैं। एक तरफ से पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट्स पर चर्चा गर्म हैं। दोनों रिपोर्ट्स में अलग अलग बातें सामने आई। एक में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स में चोट होने और रेप की संभावना तो दूसरे ने रेप न होने की बात कही गयी है। एक दावा योगी सरकार भी कर रही है कि वेबसाइट्स के जरिये सरकार को बदनाम करने के लिए फंडिंग हुई और हाथरस दंगों की साजिश रची गयी। इन सब के बीच पीड़ित परिवार से राजनीतिक दलों की मुलाकात का सिलसिला जारी है। आज आम आदमी पार्टी का डेलिगेशन हाथरस पहुंचेगा।

 

-हाथरस कांड मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सांसद संजय सिंह पीड़िता के घर पहुँच गए हैं

-आप प्रतिनिधिमंडल हाथरस पहुंचा, 10 से 15 मिनट में पहुंच जायेगा पीड़िता के गांव।

आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा पीड़ित परिवार से

कांग्रेस, सपा, रालोद व भीम आर्मी के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने एक प्रतिनिधिमंडल को हाथरस में पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने के लिए जाने का ऐलान किया। पार्टी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्य सभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को हाथरस कांड के पीड़ित के परिजनों से मुलाकात करेगा। सांसद संजय सिंह हाथरस के लिए रवाना हो चुके हैं।

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पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट्स

पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट सामने आ रही हैं। ख़ास बात ये हैं कि एक में पीड़िता के साथ रेप न होने तो दूसरे में रेप होने की बात कही गयी। ऐसे में दोनों में से सही रिपोर्ट कौन सी है, इसे लेकर भी शंका है। पीड़िता की मौत से पहले तक जख्मी हालत में एक वीडियो सामने आया है, जिसमे वह कह रही है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ। पीड़िता के बयान के आधार पर चार संदिग्धों को आरोपी बनाया गया।

ये भी पढ़ें- हाथरस पर रिकार्डतोड़ FIR: दिग्गजों ने धाराओं का किया उल्लंघन, सैकड़ों मुकदमें दर्ज

बाद में अलीगढ़ के अस्पताल की ओर से पीड़िता के मेडिको-लीगल निरीक्षण में प्राइवेट पार्ट में ‘कम्पलीट पेनिट्रेशन’, ‘गला दबाने’ और ‘मुंह बांधने’ का जिक्र था। हालंकि एएमयू के ही जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JNMC) ने अपनी फाइनल ओपिनियन रिपोर्ट में फॉरेंसिक विश्लेषण का हवाला देते हुए इंटरकोर्स (संभोग) की संभावना को खारिज कर दिया।

वेबसाइट्स के जरिये सरकार को बदनाम करने और दंगा फड़काने की कोशिश

जांच एजेंसियों का दावा है कि योगी सरकार को दंगों की आग में झोंकने के लिए राष्ट्रविरोधी तत्वों ने अमेरिका की तर्ज पर रातों रात जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम के नाम से एक वेबसाइट बनाई। जिसके जरिए गलत सूचनाएं प्रचारित करके माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं इस वेबसाइट के जरिए अफवाहों को फैलाने के लिए विदेशों से फंडिंग भी की गई। फिलहाल जांच एजेंसियों के रेड के बाद वेबसाइट बंद हो चुकी है, लेकिन पुलिस के पास इसके सभी केंटेंट मौजूद हैं।

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