कांग्रेस बोली : हाथरस कांड पर भी क्यों चुप हैं महामहिम राज्यपाल

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत मामले में आक्रामक दिख रही कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान किया कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पीड़ित परिवार की लड़ाई-लड़ी जाएगी

Update:2020-09-29 18:15 IST
कांग्रेस बोली : हाथरस कांड पर भी क्यों चुप हैं महामहिम राज्यपाल (social media)

लखनऊ: हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत मामले में आक्रामक दिख रही कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान किया कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पीड़ित परिवार की लड़ाई-लड़ी जाएगी। प्रियंका गांधी खुद हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पर निशाना साधा और कहा कि योगी सरकार को एक मिनट भी बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल अब भी चुप क्यों हैं, क्या उन्हें प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था दिख नहीं रही है। कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है।

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कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त वार्ता में मीडिया से कहा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संयुक्त वार्ता में मीडिया से कहा कि प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं की रक्षा करने में सक्षम नहीं है। अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है इस वजह से ही लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं। महिलाओं के साथ दुष्कर्म और अत्याचार के मामलों में तो भाजपा के बड़े नेता तक शामिल हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज का दिन काफी दुखद है। प्रदेश में कानून का भय समाप्त है। पूरी तरह गुंडाराज कायम है। जघन्य अपराध के बावजूद सरकार पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के बजाय अपराधियों का साथ दे रही है।

आखिर अब भी प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल चुप क्यों हैं

उन्होंने कहा कि आखिर अब भी प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल चुप क्यों हैं। दलित बेटी के साथ इतनी बडी नाइंसाफी होने के बाद भी आखिर कानून व्यवस्था पर उनकी प्रतिक्रिया क्यों नहीं है। वह अपराधियों को बचाने वाली सरकार के साथ खड़ी हैं।

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सरकार जो महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही हो, उसे कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं पर ही महिलाओं से दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री ऐसे लोगों के पोस्टर लगाने को कह रहे हैं तो क्या भाजपा नेताओं के भी पोस्टर लगवाएंगे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन करने पर आज योगी सरकार उन पर लाठी चलवा रही है

उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन करने पर आज योगी सरकार उन पर लाठी चलवा रही है। लेकिन इससे कांग्रेस कार्यकर्ता घबराने वाले नहीं हैं। प्रियंका गांधी जल्द ही हाथरस जाएंगी और पीड़िता के इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने पिछले डेढ़ महीने के दौरान महिलाओं के साथ हुए अत्याचार गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में कोई दिन ऐसा नहीं बीत रहा है जब महिलाओं को दुष्कर्म और गंभीर अपराधों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रदेश में जब कभी बेटियों के साथ अन्याय हुआ है तो कांग्रेस ने लड़ाई-लड़ी है। महिलाओं के साथ बढ रहे अपराधों से सरकार का दोहरा चेहरा उजागर हुआ है। उत्तर प्रदेश में आज निर्भया कांड की पुनरावृत्ति हुई है। जिन बेटियों की घर की आन-बान शान माना जाता है वह आज योगी सरकार में सुरक्षित नहीं हैं। हाथरस कांड में भी कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद एफआईआर दर्ज हो सकी है।

उन्होंने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आज हाथरस की बेटी की मौत के बाद सरकार उसकी मेडिकल रिपोर्ट जारी कर रही है। सरकार क्या बताना चाह रही है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। अगर यह मेडिकल रिपोर्ट जारी करनी थी तो तब जारी करनी चाहिए थी जब वह अस्पताल में भर्ती थी। जिस तरह से अपराधियों को यूपी सरकार संरक्षण देती आ रही है उसी का प्रतिफल है कि हर रोज अपराधी नए तरह से अपराध को अंजाम देकर योगी सरकार को सलामी दे रहे है।

पीड़िता को जब गंभीर चोटें थी तो कल दिल्ली भेजने के बजाय पहले क्यों नहीं भेजा गया

उन्होंने कहा कि पीड़िता को जब गंभीर चोटें थी तो कल दिल्ली भेजने के बजाय पहले क्यों नहीं भेजा गया। प्रदेश सरकार का महिला आयोग, एससी और एसटीआयोग कहां है। प्रधानमंत्री और प्रदेश के अन्य भाजपा सांसद क्या कर रहे हैं। पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए। 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी दलित परिवार को दी जाए।

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सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हाथरस की गैंगरेप पीड़िता की जान बचाई जा सकती थी

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हाथरस की गैंगरेप पीड़िता की जान बचाई जा सकती थी। पहले तो आठ दिनों तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और बाद में जब हालत बेहद गंभीर हो गई तो भी दिल्ली नहीं लाया गया। मरने से एक दिन पहले उसे दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार चौराहों पर पोस्टर लगाने की बात कर रही है। ऐसे आरोपितों के पोस्टर क्यों नहीं लगाती। वह राज्य में बुलडोजर चलाकर वाहवाही पाने में जुटी है तो ऐसे आरोपितों पर क्यों नहीं बुलडोजर चलाते। इन पर एनएसए क्यों नहीं लगा रहे। उन्होंने कहा कि इससे खराब बात और क्या होगी कि घटना होने के बाद भी मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार इसे फेक न्यूज बताते रहे।

अखिलेश तिवारी

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