एटा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दिल्ली के बीच एक बड़े हवाला रैकेट का पर्दाफास हुआ है। क्राइम ब्रांच ने सोमवार रात एक कार से सवा दो करोड़ रुपए की राशि बरामद की है। तीन लोगों को पुलिस ने कस्टडी में लिया है, जिनमें से दो लोग गुजरात के रहने वाले हैं। ये लोग रकम को बनारस से दिल्ली ले जा रहे थे।
हवाला कारोबार के तार बनारस, दिल्ली, गुजरात से जुड़े हैं। ये देशभर में एक हिस्से से दूसरे हिस्से में काले धन की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हैं। आईबी, लोकल इंटेलिजेंस, और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी भी जांच में जुट गए हैं। पूछताछ में कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स, नेताओं और व्यापारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
इस तरह पकड़ में आए
-एटा पुलिस को सूचना मिली थी कि एक डस्टर कार में रखकर नकली नोट ले जाए जा रहे हैं।
-पुलिस ने कार (डीएल8 सीएकेके 5405) को इंटरसेप्ट किया और पीछा कर एटा जिले में एनएच 91 पर रुकवा कर इसकी तलासी ली।
-पहले तो कुछ पता नहीं चला, लेकिन जब कार में बने बॉक्स को खुलवाया गया तो नोटों का जखीरा देखकर पुलिसवाले भी हैरान रह गए।
ये ले जा रहे थे रकम
-कार से तीन लोगों को भी हिरासत में लिया गया। इनमें दो गुजरात के रहने वाले हैं।
-अनिल कुमार बाऊ महसाणा और दूसरा राकेश पंडित पाटन जिले का रहने वाला है।
-तीसरा युवक गोधन लाल मिर्जा मुराद वाराणसी का रहने वाला है।
कार में बनाए गए हैं बॉक्स
-कालेधन को हवाला के जरिए इधर से उधर करने का यह नेटवर्क बेहद व्यवस्थित है।
-बरामद की गई डस्टर कार में बकायदा तीन बड़े-बड़े परमानेंट बॉक्स बनाए गए हैं। ऊपर से मेट डाल दी गई थी।
-ताकि रास्ते में चेकिंग होने पर आसानी से कोई पकड़ ना सके।
नेटवर्क खंगालने की कोशिश
-पुलिस, आईबी और लोकल इंटेलिजेंस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी तीनों युवको से अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं।
-यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह रकम ये कहां से लाए थे और किसे देने जा रहे थे।
-पुलिस बरामद किए गए 2 करोड़ 25 लाख 50 हजार रुपए की गिनती स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच में कर चुकी है।
-पुलिस दो बोरो में भरकर रकम अपने साथ ले गई।
10-12 बार पहुंचा चुके खेप
-आरोपी गोधन लाल ने बताया की उसको ये रुपए कानपुर के रामादेवी से किसी हितेश नाम के व्यक्ति ने दिल्ली पहुंचाने के लिए दिया है।
-उसको इसकी डिलीवरी पुरानी दिल्ली स्टेशन की पार्किंग में किसी को देनी थी।
-उसने कहा कि वो तो केवल रुपए ले जाने का काम करते हैं। उनको नहीं मालूम यह रुपया किसका होता है।
-उनको तो केवल रकम बता दी जाती है, जिसे बताए हुए स्थान पर पहुंचना होता है।
-उसने कहा कि अभी तक वह 10-12 बार दो-दो करोड़ रुपये की खेप दिल्ली पहुंचा चुका है।
-इस काम के एक चक्कर में 1500 से 2000 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
-एसएसपी एटा अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने मिलकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंप दिया गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सीनियर ऑफिसर मामले की जांच कर रहे हैं।
-इस पूरे मामले की जांच टीम को लीड कर रहे डिप्टी कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स अलीगढ़ अजय कुमार ने बताया-नकली करेंसी की सूचना उन्हें एटा के एसएसपी से मिली थी।
-इसमें इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसमें पेनल्टी और प्रोसिक्यूशन दोनों ही बनते हैं।
-सोर्स स्पष्ट ना होने पर 30 से 35 फीसदी रकम पर टैक्स लगता है। इसके अलावा अतिरिक्त पेनल्टी और ब्याज लगाने का भी प्रावधान है।
-जांच में आयकर विभाग के तीन अधिकारी अजय कुमार, डिप्टी कमिश्नर ऑफ इंकमटैक्स, संतोष केसरी आयकर निरीक्षक, राजेंद्र सिंह आयकर निरीक्षक लगे हुए हैं।
-पकड़ी गई रकम का कोई भी सोर्स उपलब्ध नहीं करवाया गया है।
क्या है हवाला
-हवाला पैसा ट्रांसफर करने का ऐसा तरीका है जिसमें कारोबारी और फंड देने वाले बिजनेसमैन अवैध तरीकों से अपने ब्लैक मनी को व्हाइटमनी में बदलते हैं। -लेनदेन में अवैध रूप से एक देश से दूसरे देश में विदेशी ट्रांजेक्शन किया जाता है। यानी हवाला नकदी का एक स्थान से दूसरे स्थान पर गैर कानूनी रूप से हस्तांतरण का ही नाम है।
-इसमें सबसे अहम् भूमिका एजेंट की ही होती है , या यूं कह सकते है की एजेंटों के ही हवाले से यह कारोबार संचालित होता है इसीलिए इसका नाम हवाला पड़ा।
-ये पैसा लेन-देन का अवैध तरीका है जिसे हुंडी भी कहते हैं।