अधिकारियों की लापरवाही पर HC सख्त, राज्य सरकार पर ठोका एक लाख रुपए का हर्जाना
अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक महाविद्यालय को सरकारी योजना का लाभ न मिल पाने पर सख्ती दिखाते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।
लखनऊ: अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक महाविद्यालय को सरकारी योजना का लाभ न मिल पाने पर सख्ती दिखाते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। हर्जाने की रकम महाविद्यालय क्षतिपूर्ति के तौर पर महाविद्यालय को दी जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को जांच कर लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिए हैं। जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने यह आदेश वानी प्रसाद मिश्रा जटाशंकर महाविद्यालय की ओर से दाखिल याचिका पर दिए।
क्या था मामला ?
-सितंबर 2008 में राज्य सरकार ने एक शासनादेश जारी करते हुए महिला शिक्षा को बढावा दिए जाने के लिए उपयुक्त महाविद्यालयों को अनुदान दिए जाने संबंधी एक योजना शुरू की थी।
-याची संस्थान ने इसी योजना के तहत साल 2014-15 के अनुदान के लिए आवेदन दिया था।
-याची के वकील आलोक कुमार मिश्रा के मुताबिक, याची के पक्ष में जिला स्तरीय कमेटी ने रिपोर्ट भी दाखिल कर दी।
-लेकिन राज्य सरकार की ओर से याची का आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि जिला स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट विलंब से प्राप्त हुई।
याची ने ली हाई कोर्ट की शरण
-इस पर याची ने हाई कोर्ट की शरण ली।
-जहां से राज्य सरकार को याची संस्थान के आवेदन पर अगले सत्र में विचार करने के निर्देश दिए गए।
-पुनः साल 2015-16 में रिपोर्ट न प्राप्त होने का हवाला देते हुए याची का आवेदन खारिज कर दिया गया।
-जिस पर मामला एक बार फिर याची की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष लाया गया।
-कोर्ट ने पाया कि याची अनुदान का हकदार था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसे लाभ नहीं मिल सका।
कोर्ट ने क्या कहा ?
इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाने के साथ-साथ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के आदेश राज्य सरकार को दिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हर्जाने की रकम को संस्थान के ही उपयोग में लाया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि याची संस्थान यदि अगले वित्तीय वर्ष में आवेदन करता है तो इस पर विचार किया जाए।