बरेली: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) मझगवां पर तैनात हेल्थ सुपरवाइजर थान सिंह का शव बुधवार सुबह CHC के ही एक कमरे में फंदे पर लटका मिला। परिजनों ने हॉस्पिटल के प्रभारी चिकित्साधिकारी (MOIC) इंतजार हुसैन को रिश्वत न देने पर थान सिंह की हत्या का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे परिजनों ने हंगामा कर MOIC की पिटाई कर दी। गुस्साई भीड़ ने हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़ भी की। विभाग में इससे पहले भी कई स्वास्थ्य कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं।
क्या है मामला ?
-घटना बरेली के मझगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है।
-थान सिंह पिछले करीब 15 सालों से मझगवां CHC पर हेल्थ सुपरवाइजर के पद पर तैनात थे।
-थान सिंह बुधवार की सुबह करीब 7 बजे हॉस्पिटल पहुचे।
-वैक्सीन बॉक्स कैरियर टेकर विपिन कुमार ने एक कमरे में थान सिंह का शव रस्सी के सहारे कुंडे से लटका देखा।
-सूचना मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंच गए।
रिश्वत मांगने का आरोप
-दो दर्जन से अधिक ANM ने MOIC को जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
-ANM कर्मचारियों का कहना है कि MOIC हर विभागीय कार्य मे रिश्वत की मांग करते हैं।
-अपने कर्मचारियों से हमेशा दुर्व्यवहार करते हैं।
गुस्साई भीड़ ने जमकर किया हंगामा और पिटाई
-गुस्साई भीड़ ने थान सिंह की मौत के बाद जमकर हंगामा किया।
-भीड़ ने MOIC की भी पिटाई कर दी।
-हंगामे की सूचना पर कार्यवाहक CMO डॉ. आलोक चंद्रा वहां पहुंचे, तो आक्रोशित भीड ने उन्हे भी घेर लिया।
-मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह MOIC डॉ. हुसैन को बचाकर वहां से बाहर निकाल दिया।
-परिजनों ने MOIC के निलंबन की मांग करते हुए शव का पंचनामा नही भरने दिया।
CMO ने की MOIC के निलंबन की घोषणा
-करीब 4 घंटे चले हंगामे के बाद डॉ. आलोक चंद्रा ने MOIC के निलंबन की घोषणा की।
-घोषणा के बाद भीड़ शांत हो गई।
-पुलिस और पब्लिक के बीच भी कई बार तीखी झड़प हुई।
CMO ऑफिस के क्लर्क और MOIC के खिलाफ मुकद्दमा
-मृतक की पत्नी हरप्यारी ने MOIC इंतजार हुसैन और CMO ऑफिस में क्लर्क शहान अली पर केस किया है।
-हरप्यारी कि तहरीर पर पुलिस ने दोनों पर हत्या और दलित उत्पीडन का मुकद्दमा दर्ज किया है।
पहले भी कई स्वास्थ्य कर्मचारी कर चुके हैं आत्महत्या
-पुलिस थान सिंह की मौत को आत्महत्या मान रही है।
-पुलिस के अनुसार अधिकारियों के उत्पीड़न के कारण थान सिंह ने आत्महत्या की है।
-करीब 20 साल पहले भी विभाग के अफसरो के उत्पीड़न से परेशान कई कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं।
-मझगवां के तत्कालीन MOIC डॉ. एसएस रावत ने भी अपर स्वास्थ्य निदेशक के ऑफिस में आत्महत्या की थी।
-25 फरवरी को सहकारी संघ लिमिटेड बिशारतगंज के कामदार बादाम सिंह यादव ने जहर खाकर जान दे दी थी।
क्या कहती है पुलिस
-एसपी देहात यमुना प्रसाद ने कहा कि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन पर डबल मार्क आए हैं।
-कर्मचारी ने रस्सी को कई बार गर्दन पर लपेटा था।
-हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ है, जांच जारी है।
CMO का बयान
-CMO डॉ. विजय यादव का कहना है कि वह बाहर हैं, इसलिए उन्हें घटना की जानकारी नहीं है।
-मामले की जांच शुरु करा दी गई है।
-जांच रिपोर्ट मे जो भी दोषी पाया जाएगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।