इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षा पाठ्यक्रम डिग्री डी.एड को यूपी में मान्यता न देने पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा, कि यदि सचिव जवाब नहीं देते हैं तो उनको व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा। याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा, कि 'डी.एड की डिग्री एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त है।'
एनसीटीई के नियम उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली 1981 पर प्रभावी होंगे। श्यामवीर सिंह और अन्य की याचिका में कहा गया है कि याचीगण ने दो वर्षीय डी.एड डिप्लोमा बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन मध्य प्रदेश से किया है। यह एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान है।
एनसीटीई द्वारा 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए एलीमेंट्री एजुकेशन में दो वर्षीय डिप्लोमा (जो जिस किसी भी नाम से जाना जाता हो) आवश्यक है। हर्ष कुमार केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनसीटीई की अधिसूचना के तहत मान्यता प्राप्त शैक्षिक पाठ्यक्रमों को कक्षा एक पांच तक पढ़ाने का अधिकार है। कोर्ट ने इस मामले में बेसिक शिक्षा सचिव से
व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।