UP Jobs Scam: UP विधानमंडल भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश, 6 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

UP Jobs Scam: सीबीआई जांच में बड़े लोगों का नाम आना तय माना जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर बाहरी एजेंसियों से भर्ती करवाई गई।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2023-09-20 16:47 IST

High Court order for cbi inquiry of up assembly and legislative council recruitment (Photo-Social Media)

UP Jobs 2023: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों सें कई भर्तियां जांच के नाम लटकी हुई हैं। जबकि कुछ भर्ती प्रक्रिया सालों से चल आ रही हैं, लेकिन अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही। यूपीएसएससी द्वारा वीडियो परीक्षा 2018 में आयोजित हुई, महीनों बाद सरकार की आंखें खुली और पेपर रद्द कर दिया। अब परीक्षा तो हो गया, लेकिन परिणाम के लिए लगता है और चार साल इंतजार करना पड़ेगा। वैकेंसी भी तभी आती है जब कोई चुनाव आने वाला होता है। ऐसे में कुछ अभ्यर्थी तो ओवर एज हो गए और कुछ दूसरे राज्यों में नौकरी तलाश लेते हैं। अब विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय में हुई भर्ती की जांच सीबीआई से होने जा रही है। साल 2022 और 2023 में विधानमंडल में हुईं भर्तियां जांच के घेरे में आई हैं। इन भर्तियों पर अनियमितता के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई थी। याचिका की सुनवाई के लिए बेंच ने स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए हैं।

दिग्गजों पर गाज गिरनी तय

सीबीआई जांच में बड़े लोगों का नाम आना तय माना जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर बाहरी एजेंसियों से भर्ती करवाई गई। नियमों में मनमाने तरीके से संशोधन भी किया गया। कोर्ट नें इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। सीबीआई नें शुरुआती जांच के लिए 6 हफ्ते का समय मांगा है। जबकि याचिकाकर्ता द्वारा पेश किए गए सबूत को सील कवर में रखवा दिया गया है। कोर्ट ने विशेष अपील को नवंबर के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

इससे पहले सचिव भर्ती घोटाला सामने आया था। इस मामले में भी लोगों नें कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि सभापति का विशेषाधिकार है।

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