बाबा जय गुरुदेव के संस्थान पर HC सख्त, अवैध कब्जा हटाने के आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को मथुरा में यूपीएसआईडीसी की जमीन से बाबा जय गुरूदेव धर्म प्रचार संस्थान का अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया है।

Update:2017-08-28 20:07 IST

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को मथुरा में यूपीएसआईडीसी की जमीन से बाबा जय गुरूदेव धर्म प्रचार संस्थान का अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कार्यवाही में भारी सुरक्षा बल तैनात किए जाएं, ताकि डेरा सच्चा सौदा जैसी घटना की पुनरावृत्ति यूपी में न हो सके।

इसके साथ ही कोर्ट ने यूपीएसआईडीसी के रीजनल डायरेक्टर को भी आदेश दिया है कि रिहायशी कॉलोनी में औद्योगिक क्षेत्र में स्वीकृत पांच पार्क और खाली जमीन पर उद्योगों का आवंटन रद्द कर पार्क बहाल किया जाए और उद्योगों के लिए उद्यमियों को अन्य स्थान पर जमीन दें या ब्याज सहित पैसा वापस करें। कोर्ट ने मुख्य सचिव और रीजनल डायरेक्टर से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

यह आदेश जस्टिस अरूण टंडन और जस्टिस संगीता चंद्रा की खंडपीठ ने राजेंद्र सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि एक हफ्ते में संस्थान को कारण बताओ नोटिस दें और उसके एक हफ्ते बाद जितनी भी जमीन पर अवैध कब्जा पाया जाए, हटाकर निगम को कब्जा वापस करें।

गौरतलब है कि पन्नापुर, महौली गांवों की जमीन निगम के लिए औद्योगिक क्षेत्र विकास के लिए अधिगृहीत कर दी गई। जिसके प्लान के तहत पांच पार्क छोड़े गए थे जो रिहायशी कॉलोनी में थे। बाद में निगम ने पार्क उद्योग के लिए आंवटित कर दिया और पार्क को शिफ्ट करने का फैसला लिया। पार्क उसी जमीन पर शिफ्ट किया जा रहा है जिस पर जय गुरूदेव के अनुयायियों ने कब्जा कर रखा है।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा घनी आबादी में फ्रेस हवा जरूरी है। ताजी हवा अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में शामिल है। कानूनन पार्क जमीन उद्योग के लिए नहीं दी जा सकती। पार्क के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अवैध कब्जे की जमीन को खाली कराकर निगम को सौंप कर मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अगली स्लाइड में पढ़ें रामदेव की संस्था द्वारा हजारों पेड़ काटने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, सुनवाई जारी

रामदेव की संस्था द्वारा हजारों पेड़ काटने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, सुनवाई जारी

इलाहाबाद: बाबा रामदेव के पतंजलि योग संस्थान का मामला भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इन पर उद्योग लगाने के लिए आवंटित 4,500 एकड़ जमीन पर खड़े 6 हजार पेड़ काटने का आरोप है। यही जमीन याची को 30 साल के लिए पेड़ लगाने के लिए पट्टे पर दी गई थी। जिसका विवाद सिविल कोर्ट में चल रहा है। याचिका की सुनवाई जारी है। मंगलवार 29 अगस्त को भी सुनवाई होगी।

कोर्ट ने नोएडा अथाॅरिटी, यमुना एक्सप्रेस वे अथाॅरिटी जिलाधिकारी से जानकारी मांगी है। गौतमबुद्ध नगर के औसाफ की याचिका की सुनवाई जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ कर रही है। याची का कहना है कि उसे 200 बीघा जमीन पेड़ लगाने के लिए पट्टे पर दी गई थी।

याची वकील ने बताया कि कादलपुर और शिलका गांव की 4,500 एकड़ जमीन यमुना एक्सप्रेस वे अथाॅरिटी ने बाबा रामदेव की संस्था को फुड पार्क आदि बनाने के लिए दिया है। वन विभाग की एरिया में आने वाली जमीन जिसे वृक्षारोपण के लिए दी गई थी। उसके आंवटन पर भी सवाल उठाए गए हैं।

 

 

 

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