Sonbhadra News: शौचालय-आवास आवंटन में गड़बडी का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, बड़े घपले की चर्चा

Sonbhadra News: कोन ब्लाक के कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत में शौचालय एवं आवास निर्माण में बरती गई अनियमितता का मामला हाईकोर्ट (High Court) तक जा पहुंचा है।

Update: 2022-05-25 15:00 GMT

सोनभद्र: शौचालय-आवास आवंटन में गड़बडी मामला पहुंचा हाईकोर्ट

Sonbhadra News: कोन ब्लाक के कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत (Mitihiniya Gram Panchayat) में शौचालय एवं आवास निर्माण में बरती गई अनियमितता का मामला हाईकोर्ट (High Court) तक जा पहुंचा है। वहां से इसको लेकर मांगी गई जानकारी के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। बुधवार को ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक रामशिरोमणि (Ramshiromani , Project Director, Rural Development Agency) की अगुवाई वाली एक टीम ने दोनों ग्राम पंचायतों का दौरा किया और लगाए गए आरोपों की सत्यता जांची। इसको लेकर जहां संबंधितों में हड़कंप की स्थिति बनी रही। वहीं जिलों के दूसरे ग्राम पंचायतों की तरह, यहां भी शौचालय का बड़ा घोटाला सामने आने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

बताते हैं कि हाईकोर्ट में कोन क्षेत्र के ही एक व्यक्ति की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है। उसके जरिए कहा गया है कि कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायतों में शौचालय और आवास निर्माण में बरती गई अनियमितता को लेकर कई शिकायतें की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर स्थायी अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह की तरफ से जिला प्रशासन को पत्र भेजकर जानकारी दी गई कि संबंधि तमामले में हाईकोर्ट की तरफ से अनुदेश कंप्लीट इंस्ट्रक्शन दाखिल किए जाने की अपेक्षा की गई है।

टीम ने शिकायतों की जांच की

इस पर डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, खंड विकास अधिकारी कोन और सहायक जिला पंचायती राज अधिकारी प्राविधिक की मौजूदगी वाली टीम गठित कर जांच करने और रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस निर्देश के क्रम में बुधवार को टीम ने कोन और मिटिहिनिया पहुंचकर शिकायतों की जांच की। याची पक्ष का दावा है कि 244 से अधिक शौचालय या तो बनाए ही नहीं गए या फिर आधे-अधूरे काम को पूरा दिखाकर धनराशि खर्च कर दिया गया। आवास आवंटन में भी नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है।


वहीं जानकारी दी गई है कि कुछ लाभार्थी ऐसे हैं, जिनके खाते में भेजी गई धनराशि को प्रधान और बैंक अधिकारी की मिलीभगत से, लाभार्थी की बजाय दूसरे द्वारा निकाल लिया गया। उधर, सेलफोन पर हुई वार्ता में परियोजना निदेशक रामशिरोमणि ने कहा कि जनहित याचिका के क्रम में कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत जाकर जांच की गई है। जो भी स्थिति मिली है, उसकी रिपोर्ट एक दो दिन में डीएम को सौंप दी जाएगी। बता दें कि 2020 में कोन को नए ब्लाक का दर्जा मिला है। उसके बाद से यहां की कई ग्राम पंचायतें शौचालय और आवास निर्माण को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं।

दो ग्राम पंचायत अधिकारी हुए निलंबित

बता दें कि पिछले वर्ष इसी ब्लाक के निगाई ग्राम पंचायत के गोड़वानी टोला में सदर विधायक भूपेश चैबे को भी अजीबोगरीब स्थिति से गुजरना पड़ा था। हालत यह थी कि कागज पर तो ढेरों शौचालय बनाए गए थे लेकिन हकीकत में उन्हें शायद ही किसी घर में शौचालय बना दिखाई पड़ा। मामला सार्वजनिक हुआ तो आनन-फानन में दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। कुछ दिन बाद दोनों को बहाल कर दिया गया लेकिन उक्त गांव में अभी भी ग्रामीणों की तरफ से कई शौचालयों का निर्माण न कराए जाने की बात सुनने को मिलती रहती है। 

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