HC ने कहा- अल्पसंख्यक विद्यालय के स्टूडेंट्स को आरक्षण देने का कानून नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक विद्यालय से बीटीसी प्रशिक्षुओं को प्रदेश के प्राथमिक अध्यापक भर्ती में आरक्षण देने और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली 1981 के नियम 14 (1) को असंवैधानिक करार देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

Update:2016-09-01 22:47 IST

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक विद्यालय से बीटीसी प्रशिक्षुओं को प्रदेश के प्राथमिक अध्यापक भर्ती में आरक्षण देने और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली 1981 के नियम 14 (1) को असंवैधानिक करार देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट ने कहा कि कानून और भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक विद्यालय के स्टूडेंट्स को आरक्षण देने का उपबंध नहीं है। ऐसी मांग करना असंवैधानिक है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की बेंच ने राहुल यादव और अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर वकील एमडी मिश्र, बेसिक शिक्षा परिषद के वकील राम विलास यादव और स्थायी वकील सीके राय ने बहस की।

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क्या कहना है याची का ?

याची का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 29 (1) और 30 (1) के अंतर्गत अल्पसंख्यक विद्यालय का अलग स्टेटस है। इसे विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐेसे विद्यालयों से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त स्टूडेंट्स को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) और 16 (4) के उपबंधों का लाभ दिया जाना चाहिए।

ऐसे में विशेष आरक्षण न देने वाले नियम 14 (1) को रद्द किया जाए और स्टूडेंट्स को आरक्षण दिया जाए। कोर्ट ने याचिका को दिग्भ्रमित माना और कहा कि अल्पसंख्यक कॉलेज के स्टूडेंट्स को आरक्षण दिए जाने का कोई कानून नहीं है।

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