हाईकोर्ट ने दस लाख से अधिक की वसूली पर लगायी रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 33 लाख 23 हजार 517 रूपये की जिलाधिकारी द्वारा की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यू.पी. कोआपरेटिव बैंक शाखा गजनेर, आगरा व राज्य सरकार से याचिका पर एक माह में जवाब मांगा है। सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

Update: 2018-02-28 14:44 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 33 लाख 23 हजार 517 रूपये की जिलाधिकारी द्वारा की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यू.पी. कोआपरेटिव बैंक शाखा गजनेर, आगरा व राज्य सरकार से याचिका पर एक माह में जवाब मांगा है। सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

यह आदेश जस्टिस आर.एस.आर. मौर्या ने आगरा की तहसील खेरागढ़ के निवासी बाल किशन की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की। इनका कहना है कि 10 लाख से अधिक का बकाया वसूली का जिलाधिकारी को अधिकार नहीं है। ऐसी वसूली केवल ऋण वसूली अधिकरण द्वारा ही की जा सकती है। कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना। साथ ही कहा कि यदि याची लोन राशि जमा करना चाहे तो वह सीधे बैंक में जमा कर सकता है।

मालूम हो की याची ने 2002 में बैंक से ट्रैक्टर खरीदने के लिए 3 लाख, 20 हजार रूपये लोन लिया। 40 हजार मार्जिन मनी जमा कर लोन लिया। 2006 में 60 हजार किश्त जमा की। फसल खराब होने से लोन जमा नहीं हो पाया। 20 जुलाई 2017 को तहसीलदार ने 11 लाख, 30 हजार 600 की रिकवरी नोटिस जारी की। और 9 जनवरी 2018 को बैंक ने 33 लाख 23 हजार 517 रूपये का बकाया बताया। जिसे चुनौती दी गयी थी।

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