ऑक्सीजन की कमी दूर करेगी ये मशीन, कोरोना मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज अब हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन से होगा। इससे जहां मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को तुरंत दूर किया जा सकेगा
वाराणसी: बनारस के ट्रामा सेंटर व कैंसर अस्पताल लहरतारा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज अब हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन से होगा। इससे जहां मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को तुरंत दूर किया जा सकेगा, वहीं मशीन से इलाज में देरी की दिक्कत भी दूर होगी। डॉक्टर्स का कहना है कि सांस के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगी। वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कोरोना मरीजों के इलाज हेतु ट्रामा सेंटर व कैंसर अस्पताल लहरतारा में 05-05 हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन को इंस्टॉल कर दिए गये। निश्चित रूप से इन दोनों चिकित्सालयों में इन हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन को लग जाने से कोरोना मरीजों के इलाज में गुणात्मक सहयोग मिलेगा।
हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन का फायदा
कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। फेफड़ों में वायरस कॉलोनियां बना लेता है और नसें ब्लॉक हो जाती है इसकी इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बहुत तेजी से घटने लगता है। ऐसे में मरीज को तुरंत ही ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। इसके लिए वेंटिलेटर से ऑक्सीजन थैरेपी देकर ऑक्सीजन की पूर्ति का प्रयास किया जाता है, लेकिन अब पहले हाई फ्लो नेजल कैनुआ मशीन का प्रयोग किया जाएगा। इसके जरिये मरीज को एक मिनट में 60 लीटर तक ऑक्सीजन दी जा सकती है। फिलहाल, सामान्य ऑक्सीजन पाइप से 15 लीटर तक ऑक्सीजन मिलती है।
95 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल जरूरी
सामान्य तौर पर लोगों में 95 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल जरूरी होता है। वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन की कमी बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ रही है। वहीं, इसकी कमी के चलते कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी से इम्युनिटी पावर कम होने की भी संभावना रहती है। जिसकी वजह से बीमारी का असर तेजी से होने लगता है। मरीजों को 60 लीटर तक ऑक्सीजन देने से जान बचाई जा सकती है।
इसलिए है कारगर
- हाई फ्लो नेजल विधि में कई गुना अधिक ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है। मास्क के जरिए फेफड़ों में प्रति मिनट 5 से 6 लीटर ऑक्सीजन ही जाती है।
- हाई फ्लो नेजल विधि से प्रति मिनट 20 से 50 लीटर ऑक्सीजन दी जाती है।
- ये काम वेंटीलेटर भी करता है, लेकिन हाई फ्लो नेजल विधि में यह कार्य आसानी से किया जा सकता है। कई जगह यह प्रयोग शुरू किया जा चुका है।
बढ़ेगा रिकवरी रेट
- हाई फ्लो नेजल विधि से रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हो सकती है।
- डॉक्टर्स के मुताबिक जिन मरीजों में सर्वाइवल के चांसेज कम होते हैं, उनको इस विधि से राहत मिलेगी।
- गंभीर मरीजों को हाई फ्लो नेजल विधि पर डालने से उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत कम पड़ेगी।
ट्रामा सेंटर में 90 व कैंसर अस्पताल में 60 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित
इसके अलावा कोरोना से निपटने एवं कोरोना मरीजों को तत्काल बेहतर सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, जिला एवं बीएचयू प्रशासन के सामूहिक सहमति द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयास के क्रम में ट्रामा सेंटर के 90 बेड को कोरोना मरीजो के लिए आरक्षित कर दिया गया है, जबकि शेष आधे में अन्य मरीजों का उपचार होगा। जिसमें से आज 50 बेड कोरोना मरीजों के लिए क्रियाशील कर दी गई है। यह व्यवस्था आज मंगलवार से ट्रामा सेंटर में लागू हो गया। जबकि शेष बेड को एक दो दिन के अंदर आवश्यकतानुसार भी क्रियाशील कर दिया जाएगा। इसके अलावा तथा कैंसर अस्पताल लहरतारा में भी 60 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है, जो भी आज से लागू हो गया है।