इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शादीशुदा व्यक्ति से शादी कर लेने पर नौकरी से बर्खास्त करना गलत है। हाईकोर्ट ने यह फैसला एक महिला सिपाही की याचिका को मंजूर करते हुए सुनाया। कोर्ट ने सिपाही की बर्खास्तगी रद्द कर उसे तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया है।
ये था मामला
-सिपाही अनीता यादव 15 मार्च 1994 को बतौर सिपाही नियुक्त हुई थीं।
-20 मई 1995 में उन्होंने सिपाही बृजेश कुमार यादव से शादी कर ली।
-शादीशुदा से शादी कर लेने पर उनके खिलाफ जांच हुई।
-जांच के बाद 20 जून 2014 को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
-बर्खास्तगी के खिलाफ दायर अपील को डीआईजी और फिर रिवीजन को आईजी ने खारिज कर दिया।
-अनीता के पति को इस गलती के लिए सेवा में प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई थी।
अदालत ने बड़ी सजा बताया
-सिपाही अनीता यादव ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
-याची ने यह भी कहा कि शादी के समय उसे नहीं मालूम था कि उसका पति पहले से शादीशुदा है।
-अदालत ने कहा कि याची को बहाल किया जाए। इस गलती के लिए बर्खास्तगी बड़ी सजा है।
-अदालत ने एक ही गलती के लिए दो तरह की सजा को भी गलत बताया।
-अदालत ने यह भी कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम में एक पति या पत्नी के रहते दूसरी शादी नहीं हो सकती।
-ऐसे में यह शादी शून्य है, और सरकारी सेवा आचरण नियमावली 1956 के प्रावधान लागू नहीं होते।