इलाहाबाद : प्रदेश की शीर्ष अदालत में भी हिंदी स्थान बनाने लगी है। हाईकोर्ट के कुछ न्यायमूर्तिगण हिंदी में निर्णय दे रहे हैं। न्यायमूर्ति शशिकांत ने एक वर्ष में 66 फैसले हिंदी भाषा में दिए हैं। जिनमें से धारा 482 के 13, जमानत अर्जी 33, द्वितीय अपील 11 याचिका 1, दाण्डिक अपील 6 व दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका दो शामिल है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने पौने दो सालों में 50 फैसले हिंदी में दिये।
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हाईकोर्ट में हिंदी को बढ़ावा देने के पीछे न्यायमूर्ति की मंशा अंग्रेजी का ज्ञान न रखने वालों को अपनी भाषा में फैसले को बेहतर समझने का अवसर देना है। 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर हाईकोर्ट में हिंदी पखवाड़ा मनाया जायेगा और हिंदी को प्रोत्साहन देने की बातें होगी किन्तु हिंदी को वास्तविक कार्य संस्कृति में उतारने की ठोस पहल नहीं होगी। इसके बावजूद न्यायमूर्ति शशिकांत ने महीने में 5 फैसले देकर एक संदेश देने की कोशिश की है। अपनी भाषा में कोर्ट के फैसले व आदेश वादकारी को न्यायिक भाषा समझने की दिशा में सही कदम है।
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